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बिवली
करना ।
वि० [सं० बिन्] इन्द्र खिप्राति-देखो 'ख्याति' ।
farm (at) - क्रि० १ चमकना, दमकना । २ प्रकाशित होना । ३ बिजली चमकना । ४ श्राक्रामक दृष्टि रखना । ५ सहन
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( २९० )
(ब) देखो किस्कंधा' |
क्षण
ख) वि० १ बिखेरने वाला, छितराने हाना, फैलाने खिलभंग- वि० समंदर, प्रनित्य । वाला । २ तितर-बितर करने वाला । खिरणमंत - क्रि०वि० ० क्षरण मात्र ।
खिड़क- पु० १ दरवाजा, कपाट । २ द्वार । ३ खिड़की । खिड़करणों (बौ) - क्रि० तह पर तह जमाना । खिडकियापाग-स्त्री० १ सिर पर धारण करने की एक प्रकार की पगड़ी २ सिर पर पगड़ी का बंधन या धारण करने की । एक प्रकार का क्रिया या ढंग ।
खिड़की - स्त्री० १ गवाक्ष । २ द्वार के कपाट । ३ छोटी बारी । asit (at) - क्रि० १ टीका लगाना । २ बिखरना, इधर-उधर होना । ३ हांकना । ४ कूग्रा खोदना । ५ खिड़कना, जमाना ।
जिस (बी) देखो 'लोजी' (दो)।
खिजमत (ति, ती ) - स्त्री० १ हजामत । २ देखो 'खिदमत' । खिजाखौ (at), खिजावली ( बौ) - क्रि० १ क्रोधित करना, गुस्सा दिलाना । २ तंग करना, छेड़ना । खिजाब- पु० श्वेत बालों को काला करने की प्रौषधि ।
बिटर (बौ) - क्रि० १ क्रोध करना । २ द्वेष करना ।
खिडकी देतो 'खड़की' ।
खिलौ पु० जंगली जमीकंद ।
"
(ब) ० टकराना, भिड़ना, लड़ना खड़ा (ब) फि० १ टीका लगवाना २ विधेरना, इधर खिताब पु० [अ०] पदवी उपाधि - उधर करना । ३ हांकना । ४ भगाना । ५ खुदवाना । ६ खिड़कवाना, जमवाना ।
खिचड़ी [स्त्री० [सं०] कुसर ] १ मूंग की दाल व पावलों को मिश्रित कर पकाया हुआ भोजन २ मिरच मसालों के । साथ बनाई हुई पागलों की स्पारी ३ कबुली ४ काली व सफेद वस्तुनों का मिश्रण | ५ मिश्रण । - लाग-पु० जागीरदार द्वारा अपने जागीर में दौरा करने के निमित्त
। ।
किसानों से लिया जाने वाला कर ।
विटाली (ब) खिटावल (बी) क्रि० १ गुस्मा दिनाना। २ द्वेष कराना ।
अस्थाई । स्त्री० क्षरण, पल
खिक - पु० १ चूहा । २ गोदने वाला । ३ क्षणभंगुर । खिल स्त्री० [सं०] १ क्षण पल २ बिजली। खिलक-वि० [सं० क्षणिक] १ क्षण का, क्षणभंगुर । २ श्रनित्य
खिलकर ० सिंह
खिसकात्री० [सं० क्षणिका] बिजली विद्युत
खिरगणो (बौ) - क्रि० १ टीका लगाना । २ खुजलाना, कुचरना । ३ खोदना ।
जिवा, विगवरी० [सं० क्षरणदा रात्रि । बिमारी० [सं० क्षणप्रभा] बिजली, विद्युत खिबाळी - स्त्री० भूमि ।
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खिरवारणी (बी), खिगालो (बौ) - क्रि० १ टीका लगवाना । २ खुजलवाना, कुचराना । ३ खुदवाना । खिणारौ - 1- पु० १ टीके लगाने वाला । २ खोदने वाला । खिणि-देखो 'अ' ।
खित स्त्री० [सं० क्षिति] १ पृथ्वी,
भूमि २ द्रव्य पन
,
[सं० क्षति] ३ हानि, नुकसान ४ क्षति कमी ५ पोड़ा, अश्व । गखितंग' । - जात-पु० रुधिर, खून । - डसरण - पु० भाला, बरछी । -धर, धारी, नाथ, पतिपु० राजा नृप । पुड़-पु० पृथ्वीतल छह पु० वृक्ष । खितवा स्त्री० [अ० खुत्ब] प्रशंसा, तारीफ |
खिमा
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खिति (ती) स्त्री० [सं० क्षिति) पृथ्वी, धरती ।
खितिज - पु० [सं० क्षितिज ] अन्तरिक्ष जहां पृथ्वी प्राकाश मिले दिखते हों।
खिति देखो 'तिरह' । चित्रवट-देखो 'वट' ।
खित्री- देखो 'खत्री' । - वट- 'खत्रीवट' ।
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खिदमत स्त्री० [अ०] १ सेवा टहल चाकरी - गार-गु० सेवक, नौकर । हज्जाम ।
खिदर - पु० खैर का वृक्ष ।
खिनी स्त्री० बिजली विद्युत
खिनगो (बौ) - देखो 'खिगगी' (बी) ।
खिमाली (बी) खिनावणी (बी) कि० १ भेजना, पहुंचाना।
२ देखी 'बी' (बी) । खात्री० [सं० शिपा] रात्रि
(बी) देखो 'बड़ी' (बी)। वि०वि० [सं० क्षिप्र भीम तुरन्त ।
चिमरण स्त्री० १ सहनशीलता २ देखो 'वि'
देवियो
खिमत (ता) स्त्री० [सं० क्षमता] १ सामर्थ्य शक्ति २ सहन शीलता । ३ क्षमता, धैर्य ।
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खिमावंत - वि० [सं० क्षमावान् ] दयालु, कृपालु |
खिमा, खिमिया, खिम्या स्त्री० [सं० क्षमा ] १ दुर्गा का एक
नाम | २ क्षमा ।