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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir खाधोका ( २८८ ) खालको खाधोकड़-वि० (स्त्री० खाधोकडी) १ भोजन भट्ट । २ चटोरा। खारच-स्त्री० [सं० क्षार + स्थल] खारी व बंजर भूमि । ३ महत्वपूर्ण। खारचियो-पु० खारे पानी से उत्पन्न गेहूँ। -वि० खारे पानी का। खाप-स्त्री० १ तलवार । २ म्यान को पट्टी। -वि० स्वच्छ खारज-वि० [अ० खारिज] १ रद्द, निरस्त । २ निकाला हुआ, उज्ज्वल। बहिष्कृत । ३ अलग, भिन्न । खापगर-पु० घोड़ों की काठी बनाने वाला (बागड़)। खारण-पु० अजवाइन । खापगा-स्त्री० [सं० ख---आपगा] गंगा, सुरसरी । खारतीकूई-स्त्री० एक देशी खेल । खापड़ो-देखो 'खाप'। खारभंगणा (भंजण,भनणा)-पु० १ अफीम लेने के बाद मीठे का खापट-स्त्री० १ बांस पट्टी । २ प्रस्तर पट्टिका । सेवन । २ गजक, चुरबुण।। खापटारोकोठार -पु० जवाहर खाना ।। खारवाळ-पु० १ नमक का व्यवसाय करने वाली जाति व इस खापटौ-पु० १ एक शस्त्र विशेष । २ पत्थर की लंबी जाति का व्यक्ति । २ एक प्रकार का देशी खेल। चौड़ी शिला। खारवौ-पु० पानी या कीचड़ में पांव रहने से होने वाला चर्म खापन-१ देखो 'खाप' । २ देखो 'खांपरण'। विकार। खापर-देखो 'काफिर'। खारसमुद-पु० [सं० क्षार-समुद्र] लवणोद, समुद्र । खापरियो-पु० [सं० खर्पर] १ धूर्त, बदमाश । २ चोर, ठग। खारास-पु० खारापन, तीखापन, कड़वाहट । ३ अनाज का एक कीड़ा । ४ भूरे रंग का एक खनिज। खारिक-देखो 'खारक'। खापरी स्त्री० खड़िया मिट्टी का बना स्वर्णकारों का एक खारियौ-पु० १ बाजरी का सूखा पौधा । २ चने के सूखे पत्ते। ममाला । ३ पशुयों को घास डालने का टोकरा। ४ क्षार युक्त पदार्थ । खापी-स्त्री० अावश्यकता जरूरत । एक देशी खेल। खाफर- देखो 'काफिर'। | खारी-स्त्री०१ वह चौकोर छबड़ा या डलिया जो किसानों के खाबको--पु० १ शाहीदरबार । २ राजारानी की निजी अनाज या अनाज की बालें भरने के काम आता है। मजलिण। ३ उक्त मजलिश करने का स्थान । ४ राजा- २ बाजरी के सूखे डंठल । ३ अनाज प्रादि का एक रानी का शयनगार। निश्चित माप । ४ बनास की सहायक एक नदी । खाबड़ौ-पु० पोखर, गड्ढ़ा। ५ खराब नमक । -माट-स्त्री. नील का रंग तैयार खाबेडो-वि० बायें हाथ से कार्य करने का अभ्यस्त । -पू० बायां करने का एक ढंग। -लूरण-पु० एक प्रकार का नमक । हाथ । खारीलो-वि० (स्त्री० खारीली) क्रोधी, गुस्सेल । खाबोचियो-पु०१ पानी का गडढ़ा । २ योनि । खारीवा-पु० [सं० क्षीरवाह] केवट । खाबौ-पु० १ पांव का पंजा । २ एक सींग ऊपर एक नीचे मुड़ा खारीवार-स्त्री० एक प्रकार की तलवार । पशु । -वि० १ऐंचाताना । २ बायां । ३ वीर, बलवान । खारोटियो, खारौ-पु० [सं० क्षार] १ नमक । २ क्षार । खायक-वि० १ खाने वाला, चर्वया । २ नाश करने वाला, ३ पापड़ बनाने का क्षार । ४ कटु वचन । ५ बड़ा टोकरा । मारने वाला। ६ चनों का भूमा। ७ मैथुन । -वि० १ कड़वा, कटु । खायको-स्त्री० १ रिश्वत, घुस । २ खयानत, गबन । २ अप्रिय । ३ अनिष्टकर । ४ अरुचिकर । ५ जोशीला। ग्वायस-श्री. [फा०स्वाहिश] चाह, इच्छा, लालमा। ६ तेज, तीव्र । ७ क्रोधी, ऋर । ८ कडा, कठोर । खार-पु० [फा०] १ क्रोध, गुम्मा । २ ईर्ष्या. द्वेष । ३ कांटा, ९ भयंकर । कंटक । ४ रज, धूलि । ५ राख । ६ खारापन । ७ नमक । खारोळ-देखो 'खारवाळ' । ८ अम्लता । १. बंदूक की नाल में पड़ी हुई तिरछी व खाळ-पु० १ नीची भूमि । २ मोरी। ३ गहरा खड्डा । ४ नाला। सीधी धारियां, जिन पर छोटी-छोटी बिंदियां होती हैं। । ५ छोटी नदी । ६ कबड्डो में खेल का स्थान । ७ 'चीखड़' नामक खेल में कीड़कों द्वारा बनाया जाने वाला दाव । खारक-स्त्री० १ गुखा खजूर, छुहारा । २ देव वृक्ष । तोडियो खाल-स्त्री० [सं० खल्ल] १ किसी जानवर की चमड़ी । पु. एक प्रकार का लोग गीत । २ त्वचा। ३ खाली जगह । ४ देखो 'ख्याल'। खारकियाबोर-पु० छुहारे के प्राकार के मी वेर । खालक-देखो 'खालिक' । खारखंध (धौ)-वि० प्रति क्रोधी। खालड़ (डौ)-पु० १ जूता । २ वृद्ध, बुड्ढ़ा । ३ देखो 'खाल' । खारडो-पु० पुराना जूता । जूता । | खालपणी -पु० स्वर्णकारों का औजार विशेष । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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