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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir खलीफा खहरण खलीफा-पु० [अ० खलीफ] १ अध्यक्ष । २ अधिकारी। ३ कोई खसकरणौ (बौ)-क्रि० १ धीरे से चल देना । २ स्थान छोड़ बूढ़ा व्यक्ति । ४ हज्जाम, नाई। ५ उत्तराधिकारी । देना । ३ इधर-उधर हो जाना । ४ सरक जाना । ६ अनुयायी । ७ मुहम्मद साहब के उत्तराधिकारी। ५ विचलित होना। खलील, खलीलू-वि० [अ० खलील] १ वीर, योद्धा । २ जोर- | खसकारणी (बौ)-क्रि० १ धीरे से या चुपके से जाने के लिए दार, जबरदस्त । ३ सच्चा मित्र । ४ देखो 'खलीन' । प्रेरित करना । २ स्थान छुड़ा देना । ३ इधर-उधर कर खळू-१ देखो 'खळ' । २ देखो 'खाळू' । देना । ४ खिसकाना, सरकाना, धकेलना । ५ विचलित खलेची (चौ)-स्त्री० त्रिकोणात्मक मुंह का ढक्कनदार एक थैला करना। विशेष । खसखस-पु० [सं० खस्वस] पोस्त के दाने । खळी-पु० [सं० खल:] १ खलिहान । २ खलिहान में पड़ा हुआ ! खसखसारणी (बी)-क्रि० परास्त होना, पराजित होना । अनाज । ३ राशि, ढेर । ४ युद्धस्थल । ५ संहार, नाश।। खसखसिया, खसखसी-वि० खसखस की, खसखस संबंधी, खसखलौ-पु० १ जूता, जूती । २ राज्य की तरफ से मिलने वाला खस युक्त । -स्त्री० १ खसखस की भांग । २ खरखराहट । भोजन । खसड़को-पु. १ रगड़, खरोंच । २ घमीट की लिखावट । खल्ल, खल्लड़- १ देखो 'खल' । २ देखो 'खाल' । खल्लासर-पु० [सं०] ज्योतिष में दमवां योग । खसण-स्त्री० १ खिसकने की क्रिया या भाव । २ लड़ाई, युद्ध । खल्ली-पु० [सं०] चौरासी प्रकार के वात रोगों में से एक ।। खसरणी (बी)-क्रि० [सं० कष्=हिंसायाम] १ लड़ना, भिड़ना । खल्लीट--पु० [सं०] १ गंजा होने का रोग । २ गंजापन । २ युद्ध करना । ३ खुजालने के लिए रगड़ खाना । खल्लौ-देखो 'खलौ'। ४ प्रयत्न या कोशिश करना । ५ खिमकना । ६ गिरना, खल्व, खल्वाट-वि० [सं० खल्वाट] गंजा। ढह जाना। खल्हो-देखो ‘खलौ'। खसपोस-पु० खम का पर्दा । खबरणौ (बी)-१ देखो 'खोणी' (बी) । २ देखो 'खिवणी' (बी)। खसबोई, खसबोय खसबोह. खसबो- देखो बसबू' । खवांखांच-वि० [सं० स्कंध-खचित] कंधे तक का । खसम-पु० [अ० खस्म १ पति, खांविद । २ स्वामी । खवांनो-पु० सरदार, खान आदि लोग । खसर-पु० युद्ध, लड़ाई। खवारणी (बौ)-क्रि० १ खिलाना, खाने के लिए प्रेरित करता। खसरौ-पु० [अ०] १ राजकीय अभिलेख में प्रत्येक खेत का नाप २ खाने के लिए देना। व संख्या । २ किसी हिसाब का कच्चा चिट्ठा । ३ सिर का खवाब-पु० [अ० स्वाब] स्वप्न । सूखा मैल । खवार (री)-स्त्री० [फा० रुवारी] १ बरबादी, नाश, दुर्दशा। खसाखस-स्त्री० १ लड़ाई। २ कलह । ३ वैमनस्य । ४ खींचतान । २ धोखा, कपट । ३ बुरा काम । ४ बदनामी। ५ दुःख । -क्रि०वि० ठसाठस । खवारू-वि० [फा० ख्वार + रा. ऊ.] दुर्दशाग्रस्त । बदहाल। खसियो-वि० बधिया । खवास-पु० [अ० खवास] (स्त्री० खवासण) १ राजा रईसों खसू-स्त्री० खांसने की ध्वनि । का खिदमतगार । २ नाई, हज्जाम । ३ दासी, सेविका। खसेरण-स्त्री० [सं० ख + क्षरण] रजकरण, धुलिका । ४ उप-पत्नी, रखेल । -वाळ-पू०१ रखैल स्त्री की खसोलरणी (बौ)-क्रि० किमी में कुछ घुसाना, फंसाना । संतान । २ रखैल स्त्री। खसी-पु० नाश, संहार। खवासि, (सी)-स्त्री० [अ०] १ खवास का कार्य, चाकरी। खस्ता-स्त्री० [फा० खस्तः] टक्कर भिड़त । -वि० १ नाजुक । २ इस कार्य की मजदूरी । ३ हाथी के होदे के पीछे का २ कमजोर । ३ दयनीय । ३ टूटा हुआ, भग्न । ४ दबाने स्थान । ४ देखो 'खवास'। से जल्दी टूट जाने वाला, चुरमुरा । ५ पायल । खवासोरण-पु०१ उपपत्नी की संतान । २ उपपत्नी युक्त (राजा)। ६ दुःखी, खिन्न । खवीस-देखो 'खबीस'। खस्म-देखो खमम'। खवयो-वि० १ खाने वाला। २ घेवया. नाविकः । खहड-पृ० १ अश्व, घोड़ा । २ मेना । ३ देखो 'खंड' । खो-देखो 'खंवो'। खह-पु० [सं० | १ प्राकाश, व्योम । २ रज, लि । खसंग-पु० [सं० ख + मंग] हवा, वायु । ३ गर्म राख । खस-पु० [फा०] १ एक प्रकार की सुगंधित घास की जड। खहक-पू० प्रहार । २॥क देश का नाम । खहण (रिण, पी)-पु. युद्ध । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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