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५ ऊंट या बल का ककद । ६ कपट, छल ।-चाळी-स्त्री०कूटी-पु०१ रद्दी कागज या चिथड़ों की लुगदी। २ हरि मिर्च कपटी। मिथ्यावादी।
की सब्जी । ३ देखो 'कू'टौ'। कूड़मूड-अव्य. बिना किसी प्राधार के, झूठमूठ ।
कूठ-पु० कुष्ठ । फूड़ापण-स्त्री० झूठापन, असत्यता।
कूठोड़-देखो 'कुठोड़। कूड़ाबोलो-वि० (स्त्री० कूड़ाबोली) मिथ्या भाषी ।
कूड-पु० १ कुए के मुंह पर लगा पत्थर जिस पर मोठ खाली कूडियो-पु० कुए पर घूमने वाले चक्र (भूण) की धुरी रखने की होता है । २ रहट में लगने वाला काष्ठ का डंडा । लकड़ी। २ ऊंट के चमड़े का कुप्पा ।
३ देखो 'कूड़। कूडौ-वि० (स्त्री० कूडी) १ झूठा, मिथ्यावादी । २ असत्य. | कूडीउ-वि० [सं० कूटिक] कपटी, छली, धोखेबाज ।
गलत । ३ निकम्मा । ४ शैतान, जबरदस्त । ५ कपटी, | कूडौ-पु० खलिहान में पड़ा अनाज का ढेर । छली, धोखेबाज। -पु०१ कचरा, करकट । २ बुरा समय । कूरण-स्त्री०१ दिशा। २ कोना। ३ देखो 'कुरण' । ३ वया। ४ कुटज । ५ देखो 'कूडौ'।
कूणन-स्त्री० [सं० क्वणन] शब्द, ध्वनि । कूच(उ)-पु० [तु.] १ रवानगी, प्रस्थान । २ फौज का प्रयाण। कूणिका-स्त्री० [सं०] वीणा, सितार आदि तारों की लूटी।
३ टुड्डी पर की दाढ़ी। [सं० कूर्च] ४ मृत्यु, मौत । | कूणी-देखो 'खूणी'। ५ देखो कुच'।
कूरणों-पु. कोना, कोण । कूचबंदिया-स्त्री० एक पिछड़ी जाति । कूचा-स्त्री० [फा०] संकरा रास्ता, गली।
कूत-पु० १ एक छोटा मच्छर । २ एक प्रकार की घास । फूचील-वि० गंदा, मैला।
फूतरणौ (बौ)-देखो 'कूतणी' (बी)। कूचीलो-देखो 'कुचीलो'।
कूतर (डो)-१ देखो 'कुतर' । २ देखो 'कुत्तो' । फूचौ-पु० १ घास, भूसा । २ मुहल्ला ।
कूतरड़ौ-देखो 'कुत्तो' । (स्त्री० कूतरड़ी) कूजणौ (बी)-क्रि० [सं० कूज्] १ मधुर ध्वनि में बोलना।
कूतरियौ-वि० १ घास की कुट्टी करने वाला । २ देखो 'कुत्तौ' । २ चहकना। कूजा-पु० १ मोतिया या बेले का फूल । -स्त्री० २ क्रौंच पक्षी।
कूतरौ, कूत्तिरी, फूथरौ-देखो 'कुत्तौ'। (स्त्री० कूतरी) कूजित-वि० [सं०] ध्वनित ।
बूदरणी-स्त्री० बच्चों का एक खेल । कूट-पु० [सं०] १ अनाज का ढेर या संग्रह । २ हथौड़ा। कूदगौ-पु. १ एक प्रकार का घोड़ा । २ कूदने की क्रिया या
३ छल, कपट । ४ गुप्त वैर । ५ म्यान में छुपा हथियार । | भाव । -वि० कूदने के स्वभाव वाला । ६ गुप्त रहस्य । ७ नगर का द्वार । ८ व्यंग । ९ अगस्त्य ।
| कूवरणौ (बौ)-कि० [सं० कूर्दनं] १ उछलना, छलांग लगाना, मुनि का एक नाम । १० प्रांखों के ऊपर का भाग।
फांदना । २ उछल कर नीचे पाना । ३ अत्यन्त प्रसन्न ११ नकल, चिढ़ाने का भाव । १२ किनारा । १३ शिखर ।
होना । ४ गुस्से में तमकना । ५ लांघना, पार करना । १४ ऊट के पैर का बंधन । १५ पहाड़ । १६ वृक्ष । १७ एक ६ एकाएक हस्तक्षेप करना। . औषधि विशेष । १८ कूटने-पीटने की क्रिया या भाव ।
| कूदायण-स्त्री० कूदने या छलांग मारने का भाव । १६ कुटी, झोंपड़ी। -वि० १ झूठा । २ छलिया, कपटी। ३ दुष्ट । ४ बनावटी, नकनी । ---जुद्ध-पु. कपट युद्ध ।
कूदारण-स्त्री० कुदाली। बटनीतिक लड़ाई।
कूधर-पु० [सं०] पर्वत, पहाड़ । कूटपउ-वि० [सं० कुट्टनम् ] दुवंचन ।
कूप (क)-पु० [सं०] १ कूमा । २ गड्ढा । ३ छेद । ४ नदी के फूटपो (बी)-क्रि० १ मारना, पीटना । २ प्राधात करना, चोट |
| बीच अवस्थित वृक्ष या चट्टान । ५ मस्तूल। ६ कृपाचार्य । मारना। ३ किसी उपकरण के आघात से छोटे-छोटे खण्ड | कूपर-देखो 'कूरपर'। या बारीक टुकड़े करना । ४ सिल या चक्की टाचना ।। | कूपल, कूपली-स्त्री. १ काजल रखने की डिबिया । ५ बंधन में डालना।
२ देखो 'कूपल' । कूटपाठ-पु० मृदंग के चार वर्षों में से एक ।
कूपाग-पु० [सं० कपार] समुद्र। फूटळ (ळी)-पु० १ कूडा, कचरा । २ रद्दी कागजों की लुगदी। कूबड़-स्त्री० [सं० कुब्ज] १ पीठ का टेढ़ापन । २ वक्रता। कुटि (टी)-स्त्री. १ ऊंट के पैर का बंधन । २ देखो 'कुटी'। । ३ नाथ सम्प्रदाय का एक प्रसिद्ध साधु ।
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