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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रोझाडणों । १८० ) प्रोले प्रौझाडणौ (बौ)-क्रि० १ चीरना । २ काटना । ३ मारना, प्रौधूळियौ-वि० मस्त, उन्मत्त । बेपरवाह । संहार करना । ४ प्रहार करना, वार करना । ५ आक्रमण | पौधेस-देखो 'अवधेस । करना । ६ आड करना, रोकना । ७ अस्त-व्यस्त करना, | प्रौनाड़ (डो)-देखो 'अनड़' । बिखेरना । ८ प्रताड़ना देना, झिड़कना । प्रौनींदौ-देखो 'उनींदी'। प्रोझाट-स्त्री० झपट, उलटा प्रहार । औपणौ (बौ)-देखो 'अोपणौ' (बौ)। प्रौझाळ-स्त्री. १ प्राग की ऊंची लपट, तेज लपट । २ देखो | प्रौपत-देखो 'प्रोपत'। 'ग्रोभाळ'। औपम (मा)-१ देखो 'पोपम' । २ देखो 'उपमा'। प्रौटणी (बौ)-देखो 'प्रोटणी' (बौ)। प्रौबासरणौ (बौ)-देखो 'मोबासणौ' (वी)। प्रौटारगो (बौ)-देखो 'नोटाणौ' (बौ)। प्रौबासी-स्त्री० उबासी, जम्हाई। प्रौटाळ-वि० धर्त, चालाक, बदमाश । औमाह-देखो 'उमाव'। प्रोटो-देखो 'प्रोटौ'। प्रौमाहणौ (बौ)-देखो 'उमाहौ ' (बी)। प्रौठभण, प्रौठम-देखो अोठंभ' । औयण-१ देखो 'पोयण' । २ देखो 'प्रोरण'। प्रौठौ-देखो 'अोठौ'। औरंग-पु० [अ०] १ सिंहासन । २ भिन्न रंग । पौड-क्रि०वि० १ ओर, तरफ । २ ऐसे, इस तरह । -स्त्री० पौर-पु० पशु के मरने के बाद निकलने वाला पशु का मल । १ जाति, प्रकार । २ देखो 'प्रोड' । और-वि० [सं० अपर] १ अन्य, दूसरा । २ भिन्न । ३ अतिरिक्त, प्रोडणी (बौ)-देखो 'प्रोडणी' (बौ)। अलावा । ४ अधिक, ज्यादा । -अव्य० १ पुनः पुनः । प्रौढरणो-देखो 'प्रोढणौ'। २ संयोजक शब्द, अरु । प्रौढ़र-वि० मनमौजी, स्वच्छन्द । औरठ-क्रि०वि० अन्यत्र, दूसरी जगह पर । प्रौढ़ाळ-पु० ढलुवां भाग। औरणौ (नौ)-देखो 'पोरणो'। प्रौढ़ौ-देखो 'ओढ़ौ'। औरणौ (बौ)-देखो 'पोरणौ' (बौ)। औरण-१ देखो 'प्रोयण' . २ देखो 'पोरण' । औरत-स्त्री० [अ०] १ स्त्री, महिला । २ पत्नी, भार्या । प्रौतार-देखो 'अवतार'। औरती-पु० [सं० उरस्तापः] १ शक, संदेह । २ दुःख, शोक । प्रौतारी-देखो 'अवतारी'। ३ खेद, पश्चाताप । प्रौतारौ-१ देखो 'उतारौ' । २ देखो 'अवतार'। औरस-पु० [सं०] १ बारह प्रकार के पुत्रों में से श्रेष्ठ पुत्र जो पौत्तमि-पु० [सं० प्रौत्तमिः] चौदह मन्वन्तरों में से तीसरा । अपनी धर्मपत्नी के गर्भ से पैदा हुमा हो । २ देखो 'पोरस'। प्रौथरणौ (बौ)-क्रि० फैलना, विस्तार पाना । औरहकरणौ (बौ)-क्रि० वीररसपूर्ण राग गाना । औथि-क्रि०वि० वहां। और-वि० दूसरे, अन्य । -क्रि.वि. फिर, पुनः । प्रौदनिक-पु० [सं०] सूपकार, रसोईया। औराळ-वि० भयंकर, प्रचंड । औदयिक-पु. कर्मों के विपाकानूभव रूप होने वाली आत्मा की औराबी, (सौ)-पु० [सं० अवरोध] उदंड पशुत्रों को बांधते वैभाविक स्थिति। का लम्बा रस्सा। प्रौदसा- 'मोदसा'। और' (रू, रौ)-१ देखो 'पौरां' । २ देखो 'और' । श्रौदात-वि० [सं० अवदात] श्वेत, गौर । प्रौळंगु (गू) प्रौळग-देखो 'पोळगू' । औदुबर-पु. एक प्रकार का कुष्ठ रोग । प्रौळगणी (बौ)-देखो 'पोळगणी' (बौ)। प्रौदौ-१ देखो 'ग्रोहदो' । २ देखो 'मोदी'। प्रौळगि (गी)-देखो 'पोळगू' । प्रौद्रकरणौ (बौ)-देखो 'प्रोद्रकणी' (बौ) । सोलरणौ (बौ)-देखो 'पोलरणी' (बौ)। प्रौद्रव, प्रौद्राव-देखो 'पोद्रव' । प्रौलस-क्रि०वि० इर्द-गिर्द, आस-पास । चारों ओर । प्रौद्राह, (हौ)-पु० भय, अातंक । प्रौलाडणौ (बौ)-देखो 'उलटणौ' (बी)। पौध-१ देखो 'अवध' । २ देखो 'अवधि' । ३ देखो :ोद' । | प्रौलाद-स्त्री० [अ०] संतान, संतति । नस्ल । पौधकरणौ (बौ)-देखो प्रोजकरणौ (बौ)। प्रौलियौ-देखो 'अवलियो। श्रोधमोहरौ-पु. ऊंचा मुह करके चलने वाला हाथी। औलि (ळी)-देखो 'प्रोळी' । प्रौघूळणौ (बौ)--देखो 'गोधळणौ' (बौ) । प्रौले (ले)-देखो 'योल'। For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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