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एकबारगी
ए-देवनागरी वर्णमाला का सातवां स्वर-वर्ग ।
तार का वाद्य । -ताळ-पु० एक रस, एक स्वर, एंकार, एंकारी, एंठ-पु. १ मन मुटाव । २ अनादर सूचक | समताल । -दंत, दंतौ, दसन-पु० गजानन, गगेश । हाथी __संबोधन । ३ अस्पष्ट ध्वनि । ४ देखो 'ऐंठ'।
विशेष । एक की संख्या । -नयन-पु० कौमा। कुबेर । एंधारण-देखो 'इंधण'।
शुक्राचार्य । काना । -पग, पिंग-पु० कुबेर । -पत, पतिएंबूलेंस-स्त्री० [अ०] रोमीवाहन ।
-स्त्री० पतिव्रता। -मंडळ-पु० वह घोड़ा जिसके नेत्र की ए-पु. [सं०] १ विष्णु । २ सूर्य । ३ शेषनाग । ४ जीव । पुतली सफेद हो । -मते,मते-क्रि०वि० एक मत से । संगठन
५ द्विज । ६ बालक । ७ दानव । ८ बाण। -स्त्री. से । --मनौ-वि० एक मत । संगठित । -मुखो-वि० ६ अनुसूया । १० अनुकम्पा । -वि०१ संबंधी । २ सिद्ध । एक मुख या छिद्र वाला । -रंग, रंगी रंगौ-वि० समान, ३ बुद्धिमान । ४ उद्यत, तैयार। ५ द्वषी। -अव्य० हे, तुल्य । निष्कपट । एक सा। एकीभूत । प्रानन्दित । एक अरे । -सर्व० ये, यह, इस ।
ही स्वभाव या प्रकृति वाला । -रक्खी, रक्खो-वि० एक एम, एउ-सर्व० यह, इस । -क्रि० वि० ऐसा।
रंग या स्वभाव वाला । -रदन-पु० गणेश, गजानन । एकंकार-देखो एकाकार' ।
-रवा-पु० एक तरफ से टांचा हुआ पत्थर । -वारएकंग-वि० एकांग, अकेला।
क्रि०वि० एक दफा,एक बार। -रस='एकरंग' । -रूप = एकंगौ-वि० (स्त्री० एकंगी) एक ही रंग व एक ही स्वभाव में "एक रंग' । -वचन-पु० इकाई सूचक शब्द । -वेणीरहने वाला।
स्त्री० विरहणी । विधवा। -संग-पु० विष्णु । सहवास । एकंत, (ति, ती, तु), एकंथ-देखो 'एकांत' ।
-संथ-पु० एकमत। -सरा-वि० सब एक साथ । एक-पु०[सं०]१ अंक माला की प्रथम इकाई एक को संख्या, १। एकड़-पु० [अ०] ४८४० वर्ग गज के बराबर कृषि भूमि
२ इकाई। ३ विष्णु --वि०१ दो से प्राधा, एक केवल ।। का एक नाप। २ जो इकाई के रूप में हो। ३ पहला, प्रथम । ४ अद्वितीय. | एकचित-वि० एकाग्रचित्त, तन्मय । बेजोड़ । ५ मुख्य, प्रधान । ६ प्रकेला, एकाकी । ७ सत्य । एकट, (8), एकठो-वि० [सं० एकस्थक:] (स्त्री० एकठी) ८ भेद रहित, एक रूप । ९ इकहरा । १० दृढ़ । ११ अपरि
| एकत्रित, इकट्टा । -क्रि० वि० एक साथ, साथ-साथ । बतित । १२ समान। १३ कोई। -क-वि० अकेला। एकडा-क्रि० वि० एक स्थान पर । -वि० एकत्रित, इकट्ठा। असहाय । निराला। -कारण-पु० शिव, महादेव ।
एकरण (रिण, पी)-वि० १ एक, एकही । २ अकेला। -कुडळ-पु० शेषनाग । -ग-क्रि० वि० एक साथ । ३अद्वितीय । -मल्ल-वि० अद्वितीय वीर। -साथ-प्र='एकाग्र' । -चक्र-पु० सूर्य । सूर्य का रथ ।
क्रि० वि० अकस्मात । एकदम । एक साथ । समग्र । चक्रवर्ती । --चख-वि० एक आंख वाला । काना । | एकताळीस-देखो 'इकताळीस' । -पु० काग । शिव का नामान्तर । शुक्राचार्य। --छात्र-40 एकताळीसौ-देखो 'इकतालीसौ' । वह राज्य या राजा जिस पर किमी का अधिकार न हो। एकत्र-वि० [सं०] १एक स्थान पर । २ साथ-साथ । ३ सब पुर्ण स्वतन्त्र । --क्रि० वि० एकाधिकार से, निरन्तर । एक साथ । ४ इकट्ठा ।
-ज-पु० अब्राह्मण, शूद्र। राजा । -वि० एक-मात्र एकत्रित-वि० संग्रहीत । एकत्र किया हुअा । जमा । ----टगौ-वि० लंगडा । -टक-क्रि० वि० निनिमेष, एकदम-क्रि० वि०१ यकायक, एकाएक, अकस्मात । २ निरंतर, लगातार । ---की-स्त्री० टकटकी । स्तब्धदृष्टि ।
लगातार । -डंकी- 'इकई को' । ....डाळ-स्त्री० मूठ सहित एक धातु
एकदाई-१ सम-वयस्क । २ देखो 'एकदा'। की कटार। -ढाळ-वि० एक समान, सदृश्य, तुल्य । ---ढाळियौ--पु० कच्चे मकान के किमी कक्ष के आगे बनाए
एकदा-क्रि० वि० एक बार । एक समय । ढनवा छप्पर । तरफौ-वि० एक पक्ष का । पक्षपात एकपत (ति, ती)-स्त्री० पतिव्रता. साध्वी स्त्री। युक्त । एकखा । -ता-स्त्री० प्रेम, मेल-जोल । एकबारगी-क्रि० वि० १ एक बार में, बिल्कुल । २ अकस्मात । मगठन की भावना । समानता । -तारौ-पु. एक एक दफा ।
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