________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
उडीक
( १३५ )
उत्तरण
प्राकाश, प्रासमान । अोढ़ने का वस्त्र । हठ योग का एक | उणी-देखो 'उरिण' । बंध विशेष, कटि पर का लंगोटी का बंध ।
| उणीयार, उणीयारो, उणीहार, उणीहारौ-देखो 'उरिणयारी । उडीक-स्त्री० [सं० उदीक्षा] १ प्रतीक्षा, इंतजार । २ चिता। उपौ-पु० [सं० ऊन] १ अपरिपक्व गर्भ । २ देखो 'ऊणो' ।
३ पूर्व व प्राग्नेय के मध्य की दिशा । ४ चाह, अभिलाषा। -पूणौ-वि० अपूर्ण । उडीकरणौ (बौ)-क्रि० [सं० उदीक्षण] १ प्रतीक्षा व इंतजार | उण्यारौ-देखो 'उणियारों'। करना । २ चिंता करना।
उतंक-पु० [सं० उत्तंक] १ वेदमुनि के शिष्य । २ गौतम ऋषि उडु ()-पु० [सं०] १ तारा, नक्षत्र । २ पक्षी। [सं० उदक] | के शिष्य ३ देखो 'उत्तंग'।
३ जल, पानी। -वि० सफेद, श्वेत । -पत, पति, राज, | उतंग (ह)-पु. सूर्य । देखो 'उत्तंग'।
-पु. चन्द्रमा, चांद । -पथ-पु० आकाश, गगन । उत-उप०एक उपसर्ग | -क्रि० वि० १ वही । २ उधर । ३ उस उडुप-पु० [सं०] १ चन्द्रमा, शशि । २ गरुड़ । ३ बड़ा पक्षी। ओर । -पु० [सं० वत्स] पुत्र, लड़का।।
४ अाकाश, नभ । ५ तारा, नक्षत्र । ६ नाव, डोंगी। उतकंठ-वि० [सं० उत्कंठ] १ ऊपर की गर्दन उठाए हुए। ७ नाविक । ८ नृत्य का एक भेद । -पत, पति, राज-पु. | २ तत्पर । ३ उत्सुक ।
चन्द्रमा । प्रथम लघु व दो दीर्घ मात्रा का नाम । उतकंठा-देखो 'उत्कंठा'। उडुस, उडूस-पु० खटमल ।
उतकंठित-देखो 'उत्कंठित' । उडेल-स्त्री० १ हल के पीछे लगने वाली छोटी लकड़ी। | उतकंठिता-देखो 'उत्कंठिता' । २ घास,पू.स ।
उतकट-देखो 'उत्कट'। उडेलणौ (बी)-कि० १ एक बर्तन से दूसरे में डालना, उतकळिका-स्त्री० [सं० उत्कलिका] १ उत्कंठा । २ लहर,
उलना । २ ढालना। ३ गिराना, दलकाना । ४ रिक्त या | तरंग । ३ फूल की कली। खाली करना ।
उतकस्ट-देखो 'उत्क्रस्ट'। उडेळभरी-देखो 'उंडळभरि'।
उतकू-क्रि० वि० वहां। उडे-क्रि०वि० वसे ।
उतथ्य-पु. [सं०] १ अंगिरा के पुत्र एक मुनि । २ वृहस्पति के उडणौ (बो)-देखो 'उडणी' (बौ)।
___ ज्येष्ठ सहोदर । उड्डयन, उड्डीयन-स्त्री. १ उड़ान । २ देखो 'उडि (डी) यांण'। उतन, उतन-पु० [अ० वतन] १ अपना देश । २ जन्म-भूमि । उढ़ग-वि० अत्यन्त ऊंचा । उन्नत ।
उतनौ-वि० (स्त्री० उतनी) निश्चित मात्रा का। उढ़गौ-वि० (स्त्री० उढंगी) १ ऊंचे शरीर वाला। २ बेढंगा। उतपत, (पति, पती, पत्ती)-देखो 'उत्पत्ति' । उणंतरौ-देखो 'गुणंतरौ'।
उतपन, (न्न)-देखो 'उत्पन्न' । उरण-सर्व० उस, उसने । वह ।
उतपनरणी (बौ)-क्रि० उत्पन्न होना, पैदा होना । उरणगी-क्रि०वि० उस ओर, उधर । उरणत (प)-स्त्री० [सं० ऊनत्व] १ कमी । कसर । २ याद,
उतपळ-देखो 'उत्पळ'। स्मृति । ३ अभिलाषा, इच्छा । ४ निर्धनता।
उतपात-देखो 'उत्पात'। उणमण, (मणियो, मणौ)-वि० [सं० उन्मनस्] (स्त्री० उणमणी) उतपाती-देखो 'उत्पाती'। १ खिन्नचित्त, उदास । २ व्याकुल, बेचैन ।
| उतफुल-वि० [सं० उत्फुल्ल] विकसित, प्रफुल्लित, उणमुख (मुखौ)-बि० [सं० उन्मुख ] (स्त्री० उणमुखी) १ उदास, खिला हुआ ।
खिन्न । २ चितित । ३ उत्सुक । -ता-स्त्री० उदासी । उतबग, उतमंग-देखो 'उत्तमांग'।। चिन्ता । उत्सुकता।
उत्तम (मि)-देखो 'उत्तम' । -तर-देखो 'उत्तम-तरु' । उणहार (रि)-देखो 'उणियार' ।
-दशा-देखो 'उत्तम-दशा' -रस-देखो 'उत्तम-रस' । उणायत (रत, रथ)-देखो 'उरणत' ।
उतरंग-पु० मकान के दरवाजे के ऊपर-नीचे लगने उणि-सर्व० उस, उमी, उसीने । वही।
वाला पत्थर । उणियार, उणियार, उणियारो,उरिणहार (रो)-वि०१ हमशक्ल । उत्तर-देखो 'उत्तर'।
बराबर । ३ उपयुक्त । ४ अनुकूल । -स्त्री० १ शक्ल,सूरत । | उतरण-स्त्री० १ उतरा हुआ वस्त्र । २ उतरन । ३ पुरानी आकृति, मुखाकृति, चेहरा । २ समानता ।
वस्तु। ५ उतरने की क्रिया ।
For Private And Personal Use Only