________________
-
-
-
gu रजोहरण वांको राखेर काबा एकने वांदतो बीजाने वां यंग नी परे रीगतो वांदे ते। देर मनमें खेदातो वांदे ते ॥३॥ __ अंकुसक्ष्कन्चन रिंगिय मनवत्तंज मणपन्छ ।२३॥ बे हाथे पग बांधी वांदे ते? मुने नजे वा आपे ते बुधीई वांदे ॥
वेश्य बघ२० नयंत्र। नयथी वांदे। गरवे वांदे मीत्र जांणी वांदे। मुने वस्त्रादि कांइ देसे एम जाणि वांदेर चोरनी परे वांदे ॥
नयर गारव१३ मित्तर४ कारणा१५ तिएहं१६॥ थाहारादी करते वांदे? क्रोधे वांदे तर्जना करतो वांदे । ___ पमिणीय रुर तङियए। कपटे वांदे तेश्अपमान करतो वांदेश्वीकथा करतो वांदेश्नीश्चय।।।
सढ२० हिलीय विपलिन चिययं ॥२४॥ लाजथी बंधारे दीगे न दीगो वांदे मस्तकने एक देसे वांदे ।
दि मदि।३ सिंगंश् । राजवेठ तुल्य वांदे वांद्या वीना नही बुटीइं जांणि वांदे मस्त के हाथ न लगामतो लगामतो ॥ __ करश्य तमोप्रणश्६ अलिषणालिछ५॥ अक्षरमात्रा नबो कहे? वांदी नतावढं बोले।
कणं नत्तर चूलीयशए। मुगानी परे वांदे वंचे स्वरे वांदेर रजोहरण नमामतो वांदे१॥२५॥
मूअं३० ढहर३१ चूमलियंच३२ ॥२॥ ए बत्रीस दोष टाली वीशेष वंदनकर्म जे प्रखंजे वा करे जला पणे सुध थइने।
गुरु प्रते॥