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तेम तेम अनुक्रमे मरणे क फरस्या ते क्षेत्रादी थुल सुक्ष्म प रीने।
ल्योपम थाय ॥ ३॥ तह तह कम मरणेणं। पुम खित्ता थुलि यरा ॥३॥ नदारपिणी अनंतिइं मली। एक पुद्गल परावर्त काल जाणवो॥
नसप्पिणी अपंता। पुग्गलपरियन मुणेयव्वो॥ तेवां अनंतां पुद्गलपरावर्तगतका तेथी आवतो काल अनंत गुणां ले करयां तेवो अनंतोकाल गयो। पुद्गल परावर्त काल ॥४॥
तेणंता तीप्रधा। अणागयचा अपंतगुणा॥४॥ हवे न द्रव्य दश द्वारे कहे प स प्रदेशी? एकर क्षेत्र सक्रीय रीणांमी जीव मुर्ती। पएं।
परिणामिरजीवश्मुत्तं३। सपएसाध एगए खित्तद किरि नीत्य? कारण कर्ता। सर्वगत् इति वीच्यार थाय॥
मीलपणे अप्रवेषपणे रह्याने ॥५॥ णिचंकारणाएकत्तार । सव्वग दमिदिरहि अपवेसे ज्य ए प्रकारे मोक्षतत्व नवमुंए ए प्रकारे नवतत्व प्रक्रण समाप्त उत्तर नेद ए॥
थयुं उत्तर नेद सर्व २७६ ॥ इति मोदतत्व ॥॥ इति नवतत्व समाप्तं ॥२॥|| हवे चोवीस पाठे करी मकप्रकण वा वीच्यार पटत्रींसीका प्रारंना||
__ अथ चन्वीस मक॥ नमस्कार करीने क्षनादिक तेमने कह्यो जे सिद्धांत तेनो वीचा चोवीस तिर्थकर प्रत्ये। र तेनो लेषमात्र तेनुं देखामवु ते॥
नमिमं चनवीस जिणे। तस्सुत्त वियार लेस देसणन॥ धम्मक पदे करीने तेज नीश्चे। स्तवीस सुजो हे नव्य जीवो॥१॥ दंग पएहिं ते चित्र। थोसामि सुणेह नोनव्वा ॥२॥