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________________ Basan t ainmemarware १० || दिग्गज पर्वतने वीषे ४० चालीस प्रासाद ले । __ दिग्गय गिरिसु चत्ताभ। द्रहे एंसी जिनप्रासाद ने कंचनगिरीने वीषे एकहजार जिनप्रासादले। दहे असी कचणेसु गसहसो १०००॥ सितेर प्रासाद मोहोटी न एकसोने सितेर प्रासाद लांबा वैताढे दीयोने वीषे । ॥१६॥ सत्तरि७० महानईसु। सतरि सयंरण्दीह वेअद्वे॥१६॥ कुंमने वीषे त्रणसें एंसि जिनप्रासाद ले। कुंमेसु तिसय असीआ३७०। वीसप्रासाद यमग पर्वतने वीषे ने पांचप्रासाद मेरूनी चूलीका नपरले वीसंश्० जमगेसु पंच५ चूलासु॥ गीबारसे सितेर प्रासाद। जंबू प्रमुख दस वृक्षने वीषे ने १७ श्कारस सय सत्तरि११७०जंबू पमुहे दसतरूसु॥२७॥ वृत वैताढ पर्वत पर वीस २९५५ प्रासाद एक कोस लांबा ने प्रसाद एम दीग्गजादीक थर्धकोस पोहोला बे एटले २००० दस स्थानकना मली। नुष लांबा १०००धनुष पोहोला ने॥ वटवेअड्ढे वीसा। कोस तयच दीह विचारा॥ चन्दसेने चालीस धनुष। अधिक चपणे वे सघला ॥१॥ चन्दस धणुसय चालीस। अहिअनचत्तणे सव्वे॥१॥ थाठमे द्विपे विदिसीइं सोलमा साद । अम दीवि विदिसि सोलस । सुधर्मइंद्र ईसानइंद्र एबेनी १६ देवीनी सोल नगरीनने वीषे॥॥ सोहम्मी साणग्ग देवि नयरीसु ॥ १६॥ - A । -
SR No.020562
Book TitlePrakaran Mala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavchand Jechand Shah
PublisherRavchand Jechand Shah
Publication Year1888
Total Pages226
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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