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कलवान ताम्रपत्र'
स्थान- रावलपिण्डी जिले में तक्षशिला (सिरकप) के पास कलवान ग्राम
(पाकिस्तान)
भाषा -- प्राकृत,
लिपि - खरोष्ठी - सं० 134 (77 ई०)
सवत्सरये 1100 (+) 20 ( + 10 (+) 4 अजस श्रवणस मसस दिवसे त्रिविशे 20 (+) 1 (+) 1 (+) 1 इमेण क्षुषेण चंद्रभि उअसिअ
मस ग्रहवतिस धित भद्रवलस भय छडशिलए शरिर प्रइस्तवेति गहथू
मि सध भ्रण नन्दिवढणेण ग्रहवतिण सघपुत्रेहि शमेण सइतेण चधितुण च
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भ्रमर सघ ष्णषएहि रजए इद्रए य सध जिवणंदिण शमपुत्रेण अयरिएण य स ( र्व ) स्ति
वअण परिग्रहे रठ - णिकमो पुयइत सर्व-स्वत्वण पुयए (1) णिवणस प्रतिअए होतु (1)
1. एपि० ई० 21, पृ० 259
134वें वर्ष में अय ( Azes II) ( के शासनकाल में ) श्रावण मास के 23वें दिन - इस काल उपासिका चंद्राभी
(जो ) गृहपति धर्म की पुत्री (तथा) भद्रपाल की भार्या है, छत्रशिलक ( नामक स्थान पर)
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