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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्री महावीर जिन पंचकल्याणक पूजा ५५ ॥ अथ वाचनाचार्य श्रीविजयमाणिक्यसिंहसूरिकृत॥ ॥ श्री महावीर जिन पंचकल्याणकपूजा ॥ ॥दोहा॥ परम धरम पुण्य कला, परमानंद प्रकाश ॥ प्रणमु पंचासर प्रभु, पुरिसादाणी पास ॥ १॥ समरी सारद सारदा, वंदी गुरु गुण बास ॥ कल्याणक पूजा रचुं, आणो मन उल्लास ॥ २॥ शासन नायक साहिबो, त्रिशला नंदन तास ॥ कल्याणक पूजा रचुं, आणी मन उलास ॥ ५ ॥ च्यवन जनम पावन १चरण, केवल मोक्ष निवास ॥ पंच कल्याणक पूजतां, निश्चे पातक नाश ॥४॥ कल्याणक प्रभुनां करी सर्व सुरासुर साथ ॥ २जिष्णु नंदीश्वर जइ, नमी शाश्वत जिन नाथ ॥५॥ कल्याणक महिमा तिहां, आठ दिवस अभिराम ।। करता पूरण कोडथी, लेवा अविचल धाम ॥६॥ तिणविधि तीर्थपतितणी, पूजा अष्ट प्रकार ॥ करी वरी केवल ३रमा, पामो भवजल पार ॥७॥ इगदश लख एंसी सहस, छस्से पीस्तालीश । मास खमण करी मुनिपणे, सेवी स्थानक वीश ।। ८ ॥ नंदन भव जिन नामनो, बंध करी बलवंत ॥ १ चारित्र. २ इन्द्र. ३ लक्ष्मी. ४ अगीयार लाख, For Private And Personal Use Only
SR No.020554
Book TitlePooja Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManikyasinhsuri
PublisherHiralal Bhagubhai Shah
Publication Year1953
Total Pages145
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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