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* पाययकसमावली
राजा
ता वअणवम्महरहो दोहि वि चक्केहि चंकमिओ॥७॥ विचक्षणा
जच्चंजणजणिअपसाहणाई तीए कआईं णअणाइँ । राजा
____ता अप्पिउ णवकुलअसिलीमुहो पंचबाणस्स ।।८।। विचक्षणा
कुडिलालआण माला णिडाललेहग्गसंगिणी रइआ।
राजा
___ता ससिबिबस्सोवरि बट्टइ मज्झाउ सारंगो । ९॥ विचक्षणा
घणसारतारणअणाइ गूढकुसुमुच्चओ चिहुरभारो। राजा
ससिराहुमल्लजुझं ता दंसिअमेणणअणाए ॥१०॥ विचक्षणा
इअ देवीअ जहिच्छं पसाहणेहिं पसाहिआ कुमरी । राजा
ता केलिकाणणमही विहूसिआ सुरहिलच्छीए ॥११॥
(राजशेखरविरचिता कर्पूरमंजरी सट्टकं द्वितीयम् जवनिकान्तरम
पा. १२-२२)
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