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( ७२ )
मलेरिया ज्वर-मौसमी बुखार ।
Malarial Fever.
खानपान तथा रहन सहन 'सर्व ज्वर' में बतलाया है उसके अनुसार रखा जावे। इस ज्वर में लंघन विशेष न करायाजावे । (१) प्रारम्भ में हलका सा जुलाब लेना अच्छा हैं
(२) ज्वर में प्रारम्भ में दवा लेने की शास्त्रों में मनाई है पर इस ताव में दवा लेना अनुचित नहीं ।
(३) तुलसी का उपयोग ज्वर में व ज्वर न हो उस समय लेना लाभकारी है ।
(४) दूध का सेवन अति हितकारी है । ज्वर के समय ठण्ड लगे तब -
पथ्य
कपड़े श्रौढ़ना, तापना, सेंकना, पानी की गर्म बोतलें पास रखना। गर्म पानी पीना | गर्म गर्म चाह वा तुलसी की चाह पीना ।
जब शरीर गर्म हो जावे कपड़े औढ़ने के कम कर देना गर्म उपचार बंद कर देना ।
बर्फ (उल्टी, तृषा वा दाह
हो तो)
सोडावाहर
लेमनेड
अपथ्य
ठण्डा पानी पीना । धूप में बैठना ।
ताव का समय चितवन
करना ।
भोजन करना
दही, छाछ, मूला काकड़ी, मकिये, भारी चीज़ खाना ।
तब
!
गर्म उपचार करना खूब श्रौढ़ना हवा की चौफेर से रोक देना ।
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