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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( ७२ ) मलेरिया ज्वर-मौसमी बुखार । Malarial Fever. खानपान तथा रहन सहन 'सर्व ज्वर' में बतलाया है उसके अनुसार रखा जावे। इस ज्वर में लंघन विशेष न करायाजावे । (१) प्रारम्भ में हलका सा जुलाब लेना अच्छा हैं (२) ज्वर में प्रारम्भ में दवा लेने की शास्त्रों में मनाई है पर इस ताव में दवा लेना अनुचित नहीं । (३) तुलसी का उपयोग ज्वर में व ज्वर न हो उस समय लेना लाभकारी है । (४) दूध का सेवन अति हितकारी है । ज्वर के समय ठण्ड लगे तब - पथ्य कपड़े श्रौढ़ना, तापना, सेंकना, पानी की गर्म बोतलें पास रखना। गर्म पानी पीना | गर्म गर्म चाह वा तुलसी की चाह पीना । जब शरीर गर्म हो जावे कपड़े औढ़ने के कम कर देना गर्म उपचार बंद कर देना । बर्फ (उल्टी, तृषा वा दाह हो तो) सोडावाहर लेमनेड अपथ्य ठण्डा पानी पीना । धूप में बैठना । ताव का समय चितवन करना । भोजन करना दही, छाछ, मूला काकड़ी, मकिये, भारी चीज़ खाना । तब ! गर्म उपचार करना खूब श्रौढ़ना हवा की चौफेर से रोक देना । For Private And Personal Use Only
SR No.020550
Book TitlePathya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunamchand Tansukh Vyas
PublisherMithalal Vyas
Publication Year
Total Pages197
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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