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पराशरमाधवस्य शुद्धिपत्रम् ।
(प्रायश्चित्तकाण्डस्य)
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पडौ। पतो। १ ४
१५
चशम् । सनि ... ... यान्येन
याप्येन (एवं परत्र) कुत .... ... कृत गोतम
गौतम (एवं परत्र) पछी
पछौ (एवमन्यत्र) जायना आयना ... ... याना शान्त ... ... सान्त (एवं परत्र) सो ... ... सप्त बारेतौ
हावेतो पन्या ... ... पत्याः लक्षणाम् ...
लक्षणार्थम् ৰS .... ... वाल
दंश ब्राह्मण्या शूदानात ब्रामण्यां शूद्राजात यत्त्वाङ्गि ...
यत्त्वधि श्रयंत्यां ...
खवन्त्यां दयं ... अकाल ... ... खपान शुभ्र ... ... शूई
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इयं
५
१
७२
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