________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (62) पवित्रपरमज्ञाना पदभूषणराविणी // परशुरामसमाराध्या परशुरामस्वरूपिणी // 162 // पवित्रमानसाराध्या पवित्रद्रव्य पूजना // परस्वभेदरहिता परमापरसद्गतिः // 163 // पर निन्दापरद्रोहिविमुखापरमोज्ज्वला // पन्नगेशागण्यगुणा पन्नगेशाधिभूषणा // 164 // पवित्रात्रु डुपत्रातासंख्यभक्तयशस्विनी। फकारवामपावस्था फलद्भक्तिःफलप्रदा 165 फटुपल्लवसंयुक्ता मन्त्रजापारिनाशिनी // फणीश्वरकलाफल्गुदन्ता फलवती फला // 166 // फल्गुप्रिया फलनामा बन्धुजीवारुणाघरा // बंहिष्टेष्टप्रदाबन्धनाशिनी बर्वरालका // 967 // बलदेवोपास्यदेवी वलिबन्धनकारिणी // बहुमाग कसंगम्या बहुरूपावलप्रदा // 168 // बहुशास्त्रैकसिद्धान्ता बहुनाट्यसुनर्तिनी // बकासुरारिभगिनी बकहन्तस्वरूपिणी // 169 // बकारप्रष्टभागाव्या बन्धु ककुसुमप्रभा॥ बवितंस भषामा बहिवाहनलालना // 170 // बलिराज्यार्चनप्रीता बहिरंतस्तमोहरा // बहिःष्ठान्तःस्थिताबद्ध दुष्टदैत्यारिवृन्दका / / 171 // भण्डपुत्रासुविरहः प्रकत्रिककुमारिका // भक्तवात्सल्यसंयुक्ता भक्तभीतिविनाशिनी // 172 // भकारनाभिभागाब्याभव्यमानससंस्थिता // भव्यभावाभक्तिनिधिर्भक्तसर्व स्वरूपिणी // 173 // भक्तिप्राबल्यपापिष्ठजनोद्धरणतत्परा भक्तविद्याभगवति भवपापविमोचिनी // 174 / / भगवत्कामराजाकसमारूढा भवप्रिया // भवान्तरमणी भव्या भगव. कामपूजिता // 175 // महामहीषसंहारा महामहिमशालिनी महामहानिधिमन्त्रतन्त्रयन्त्रस्वरूपिणी // 176 // For Private and Personal Use Only