________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (57) स्वरूपिणी // 86 // घनाघनकृपादृष्टिरसतृप्तिविधायिनी घ. नाघनकृपावृष्टिरससंतापनाशिनी // 87 // घटीप्रहरघत्रादि कालरूपा धनप्रभा // घदक्षाङ्गुलिमूलाढ्या घण्टाघोषारिभीतिदा॥८८॥घस्रेशदक्षताटंका घण्टाशब्दहतासुरा // घनाघनेश्वरीरूपमणिपूरसमाश्रिता // 86 // घनवल्लीसमानामा घनात्ययमहोत्सवा // घनसाराभवर्णाढ्या घनगंभीरनादिनी॥ // 10 // घण्टिकारम्यशब्दाढ्या घटस्था घटरूपिणी // ङव दक्षांगुल्यमा चण्डिका चपलेक्षणा // 11 // चपलेन्द्रिय दोषघ्नी चपलारूपधारिणी // चलदैन्द्रयल कश्रेणिशोभिता सरोरुहा // 62 // चलत्पादरणत्पादभूषा चण्डार्तिहारिणी // चवर्णवामस्कन्धाढ्या चलन्मीनविलोचना // 13 // चराचरेश्वरी चन्द्ररूपा चन्द्रार्द्धशेखरा // छत्रचामरसंयुक्ता छत्रचामरदायिनी // 64 // छलहीनःसदापूज्या छलच्छलननाशिनी // छलज्ञानप्रदाछन्दोविद्यारूपा छलापहृत् / / 65 // छन्दोमाता छलकरा छन्दोगानसुतोषिता / छवर्णवामकूर्पाट्या छन्दःस्था छन्दरूपिणी // 66 // छन्दश्चारीजरामृत्युनाशिनीजलजस्तुता // जवाममणिबन्धाढ्या जन्ममृत्युजराऽतिगा॥ 7 // जन्ममृत्युक्षयकरी जलजातसुतोज्ज्वला // ज. गत्संजीविनी जल्प्पा जगदुद्धारकारिणी // 68 // जलन्धरा. दियोगीशरूपिणी जगदात्मिका // जलन्धरादियोगीशमान सालयसंस्थिता // 6 // जगत्स्टष्टिर्जगञ्चक्रसन्निविष्टा जग द्गुरुः // जगद्रक्षा जगन्नाट्या जगत्संहारकारिणी // 100 // जगजननहर्षाढ्या जघन्यजनपाविनी // जलमग्नोडुपत्राणा For Private and Personal Use Only