________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 2 ) शि कामशिवशोभितदक्षभागे। कल्याणकारिणि कलङ्कहरे परेशि मांत्राहि पाहि परमेशि नमोनमस्ते // 11 // सर्बदुः खहरं स्तोत्रं घोरदुःखेपठेन्नरः / दुःखौघात्संप्रमुच्येत महादेव्याः प्रसादतः // 12 // इतिश्रीसर्वदुःखहरं स्तोत्रं संपूर्णम् // श्रीनाथरुपयालभ्यः सामरस्यविलासिनि / तेस्वरूपप्रका शोमे हृदिभूयादहनिशम् // 1 // कोट्यग्नीन्दिनसंप्रख्यो व्याप्यव्याप्पकतांगतः तेस्व०॥ 2 // पूर्णःसृष्टिस्थितिलयकर्ता कर्तावबोधकः / तेस्व० // 3 // अबोधनिविडध्वान्तध्वंसकोऽत्यन्तहर्षदः / तेस्व० // // भवसर्पभयत्रासहरणे ताक्ष्यसन्निभः। तेस्व० // 5 // अन्तर्मुखैनित्यलभ्यो घलभ्य स्तद्वहिर्मुखैः। तेस्व०॥३॥ अनेकजन्मसंसिद्ध योगाभ्यास प्रकाशितः / तेस्व० // 7 // ऐश्वर्यज्ञानवैराज्ञ धर्मश्रीयशसा प्रदः। तेस्व०॥८॥ एकोनानाभासकारी ह्यने कैकप्रकाशकः तेस्व० // 9 // स्वरूपप्रकाशाष्ठकं श्रीपरायाः कपासागरायाः पठेद्यः प्रभाते // प्रकाशाभिलाषी परप्रेमयुक्तो भवेत्तस्यचित्ते स्वरूपप्रकाशः / / 10 // श्रीप्रकाशाष्टकं संपूर्णम् / / ॐ श्री अन्तेस्मृतिदायिनी विजयतेतराम पम्पे शरण्ये महेशि प्रपन्नातिहन्त्रि प्रभावैः काले पदाब्जं त्वदीयं मनोमेनजह्यात For Private and Personal Use Only