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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 356/पाण्डुलिपि-विज्ञान किया जाय । डब्ल्यू. जे. बैरो (W. J. Barrow) ने इसके लिए बहुत कारगर चिकित्सा निकाली है । इस चिकित्सा में कैलमियम हाइड्रॉक्साइड और कैलसियम बाईकारबोनेट के घोल से कागज को स्नान कराते हैं । इससे कागज की अम्लता दूर हो जाती है तथा प्रागे भी अम्ल के प्रभाव से कागज की रक्षा हो जाती है, अतः अन्य वाह्य चिकित्सानों से पहले यह अम्ल-निवारण-चिकित्सा करनी चाहिये । राष्ट्रीय-अभिलेखागार (National Archives) में अम्ल-निवारण की जो पद्धति अपनायी जाती है, वह कुछ इस प्रकार है : पहले दो घोल तैयार किये जांय : 1. कैलसियम हाइड्रॉक्साइड का घोल (घोल-1) 5-8 लीटर की क्षमता का शीशे का जार (Jar) लेकर उसमें प्राधा किलो अच्छी किस्म का खूब पिसा हुआ कैलसियम आक्साइड लें और 2-3 लीटर पानी लें और थोडा-थोडा चूर्ण जार में डालते जांय और तदनसार पानी भी डालें और उसे हलके-हलके चलाते जायें। यों हिलाते-हिलाते समस्त चूर्ण और पानी मिल कर दुधिया क्रीम-सी बन जायेगी। यह क्रिया बहुत हलके-हलके करनी है। यह घोल बन जाये, 10-15 मिनट बाद इस घोल को 25-30 लीटर की क्षमता के इनामिल्ड (Enamelled) या पोर्सीलेन के जार में भर देना चाहिये । अब फिर हलकेहलके चलाते हुए इसमें पानी डालना चाहिये, इस प्रकार घोल का आयतन 25 लीटर हो जाना चाहिये, अब इसे निथरने के लिए कुछ देर छोड़ देना चाहिये । इससे चूना नीचे बैठ जायगा । अब पानी को हलके से निथार कर अलग कर दिया जायगा और अब फिर धीरे-धीरे चलाते-चलाते उसमें पानी मिलाइए, यहाँ तक कि आयतन में फिर 25 लीटर पानी हो जाय । इस घोल को बराबर और खूब चलाते जाना चाहिये । 25 लीटर पानी हो जाने पर पुनः चूने को तल में बैठने दें। इस प्रकार अपेक्षा से अधिक चूना तल में बैठ जायगा । अब दूधिया रंग का पानी उसके ऊपर रहेगा । इसे निथार कर अलग कर लें। यही अपेक्षित घोल है, जो हमारे काम में आयेगा । बैठे हुए चूने में 25 लीटर पानी फिर मिलाइए और खूब अच्छी तरह चलाइए। फिर चूने को तल में बैठने दीजिए और ऊपर का दूधिया पानी निथार कर काम के लिये रख लीजिये । इस प्रकार वही मात्रा कैलसियम की 15-20 बार कैलसियम हाइड्रॉक्साइड का काम का घोल दे सकेगी। अब दूसरा घोल तैयार करें : कैलसियम बाइकार्बोनेट घोल (घोल-2) 25-30 लीटर की क्षमता का इनामिल्ड या पोसलेन के जार में 1/2 किलो बहुत महीन चूर्ण कै लसियम कानिट का घोल बनाये और उसे खूब चलाते-चलाते उसमें से कार्बन डाइआक्साइड गैस 15-20 मिनट तक प्रवाहित करें । इससे कैलसियम बाइकार्बोनेट का अपेक्षित घोल मिल जाता है। इसे बनाने की एक वैकल्पिक विधि भी है। पहले स्वच्छ (2) घोल को लेकर उसमें दुगना पानी मिलाइये, अब इस घोल को हिलाते-हिलाते चलाते-चलाते इसमें से कार्बन डाइऑक्साइड गैस प्रवाहित कीजिये, पहले इसका रंग सफेद हो For Private and Personal Use Only
SR No.020536
Book TitlePandulipi Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSatyendra
PublisherRajasthan Hindi Granth Academy
Publication Year1989
Total Pages415
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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