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काल निर्धारण/297
272-232 ई० पू०
द्वितीय शती ई०पू०
प्रथम अर्धांश
द्वितीय शती ई०पू०
प्रथम शती ई०पू०
राजन् (अशोक जैसे सम्राट के लिए देवी (राज्ञी-रानी) महाराजा (भारतीय यूनानी शासकों के लिए) महाराज्ञी (महादेवी) तृतर (संस्कृत त्रातः रक्षक राजा के लिए)
अप्रकरण (सं. अप्रत्यग्र, जप्रतिद्वन्द्वी रहित) 5. राजन् (यह शब्द भी प्रयोग में था)
महरजस रजरजस (या रजदिरजस) महतस (सं० महाराजस्य राजराजस्य महतः
या राजाधिराजस्य महतः) 7. महाराजाधिराज या भट्टारक महाराज
राजाधिराज । महाराजाधिराज परमभट्टारक 8. महाराज (7. के अाधीन राजा) 9. राजाधिराज परमेश्वर 10. पंच महाशब्द-'प्राप्त पंचमहा शब्द' या
'समाधिगत पंच महाशब्दः' पंचमहाशब्द-1. महाप्रतिहार
या 2. महासंधिविग्रहिक अशेष महाशब्द--3. महाअश्वशालाधिकृत
4. महाभाण्डागारिक 5. महासाधनिक
चौथी शती ईसवी (गृप्त काल)
6ठी शती ईसवी 9वीं, 10वीं शती ई०
अथवा
1. महाराज 2. महासामन्त 3. महाकार्ताकृतिक 4. महादण्डनायक 5. महाप्रतिहार
अथवा
पंचमहाशब्दपंच महावाद्य आदि ऐसी उपाधियों और नामों की एक लम्बी सूची बनायी जा सकती है और प्रत्येक को कालावधि ऐतिहासिक काल-क्रमणिका में स्थिर की जा सकती है, तब ये काल-निर्धारण में अधिक सहायक हो सकते हैं ।
इसी प्रकार से अन्य वैशिष्ट्य भी लेखन-पद्धति में काल-भेद से मिलते हैं, जिन्हें बाल-तालिका में यथा-स्थान निबद्ध करना चाहिये और पांडुलिपि-विज्ञानार्थी को स्वयं ऐसी कालक्रम तालिकाएं बना लेनी चाहिये।
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