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पांडुलिपि-प्राप्ति और तत्सम्बन्धित प्रयत्न : क्षेत्रीय अनुसंधान 97
सरोजकार ने पृथ्वीराज रासो के रचयिता चन्द को ‘चन्द कवि प्राचीन वन्दीजन, सम्भल निवासी' स्वीकार किया है । सं० 1196 में उपस्थित माना है।
सरोज-सर्वेक्षणकार ने चन्द का रचना काल सं0 1225 से 1249 तक माना है। इनकी मान्यता के अनुसार चन्द की मृत्यु सं० 1249 में हुई ।
द्वितीय भाग प्र०--278 (538) नाम-(403) चन्द
ग्रन्थ-नागनौर की लीला (कालीनाथना)। मगंज सर्वेक्षण कार का मत है कि इस पुस्तक का नाम 'नाग लीला' भी है।
रचना काल-1715 पृ०-325 (382) चन्द व पठान सुल्तान
सरोजकार ने इस चन्द कवि को संवत् 1749 में उपस्थित माना है । कवि सुलतान पठान नवाब राजागढ़ भाई बन्धु बाबू भूपाल के यहाँ थे । इन्होंने कुण्डलियाँ छंद में सुलतान पठान के नाम से बिहारी सतसई का तिलक बनाया है।
सरोज सर्वेक्षणकार का मत है कि चन्द द्वारा प्रस्तुत यह टीका मिलती नहीं है । भूपाल का नवाब सं० 1761 में सुलतान मुहम्मद खाँ था। इन्हीं के आश्रित चन्द कवि का उल्लेख मिलता है।
तृतीय माग पृष्ठ-44 (2138) नाम--(1784) चन्द कवि विवरण-सं0 1890 के लगभग थे। पृष्ठ-85 (2341) नाम-(2003) चन्द कवि
ग्रन्थ-भेद प्रकाश-(प्र० भ्र० रि०), महाभारत भाषा (1919) (खोज 1904)।
कविताकाल-सं० 1904
कुछ-कुछ नाम साम्य के आधार पर निम्न कवि मिश्रबन्धु विनोद से मिलते हैं । ये चन्द नाम के नहीं, वरन् चन्द से मिलते-जुलते नाम वाले हैं। इन्हें यहाँ केवल इसलिए दिया जा रहा है कि इनके नाम में जो साम्य है, उससे कहीं प्रागे भ्रम न रहे और 'चन्द' या 'चन्द्र' जिसका नामांश है वह भी ज्ञात हो जाय ।
- प्रथम भाग पृष्ठ-194 (265) नाम-चन्द सखी (ब्रजवासी)
1. सरोजकार से हमारा अभिप्राय 'शिवसिंह सरोज' के लेखक से है। 2. 'सरोज सर्वेक्षणकार' से हमारा अभिप्राय डॉ. किशोरी लाल गुप्त से है।
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