SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 271
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kcbatrth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir %A5 कर्मप्रकृती दा | अबन्धित्तु ॥२०६॥ थावरगयस्स चिरउव्वलणे एयस्स एव उच्चस्स | मणुयदुगस्स य तेउसु वाउसु वा मुहुमबद्धाणं॥२०७।। हस्सं उद्वर्तना .. कालं बन्धिय विरओ आहारसत्तगं गंतुं । अविरइमहब्बलंतस्स तस्स जा थोब उचलणा ।। २०८ ।। तेवढिसयं उदहीण स चउ-1 पवतेन ॥२६७॥ | पल्लाहियं अबन्धित्ता । अंते अहप्पवत्तकरणस्स उज्जोवतिरियद्गे ॥ २०९ ॥ इगविगीलंदियजोग्गा अट्ठ पज्जत्तगेण सह तासि ।।४ करणे पलायन तिरियगइसम नवरं पंचासीउदहिसयं तु ।। २१०॥ छत्तीसाए सुभाणं सेढिमणारुहिय सेसगविहीहिं । कट्टु जहन्न खवणं अपुवकरणालिया अंते ॥ २११ ॥ सम्मद्दिडिअजोग्गाण सोलसहंपि असुभपगईणं । थीवेएण सरिसगं नवरं पढमं तिपल्लेसु ॥ २१२॥ | नरतिरियाण तिपल्लस्संते ओरालियस्स पाउग्गा । तित्थयरस्स य बन्धा जहन्नओ आलिगं गंतुं ॥ २१३ ॥ इति संक्रमकरणम् अथ उद्वर्त्तनापवर्त्तनाकरणम्-उबट्टणा ठिईए उदयावलियाए बाहिरठिईणं । होइ अबाह अइच्छावणाउ जावालिया हस्सा ॥ २१४ ॥ आवलियअसंखभागाइ जाव कम्मट्टिइत्ति निक्खेवो । समउत्तरालियाए साबाहाए भवे ऊगे ॥ २१५ ॥ | निब्वाधाएणवं वाघाए संतकम्माहिगवन्धो । आवलिअसंखभागादि होइ अइच्छावणा नवरं ।। २१६ ॥ उब्बतो य ठिई उदया-18 वलिबाहिरा ठिइबिसेसा । निक्खिवइ तहअभागे समयहिए सेसमइवइ य ।। २१७ ॥ बड्डइ तओ अतिच्छावणा उ जावालिगा हवइ पुना । ता निक्खेवो समयाहिगालिग दुगूण कम्मठिई ॥ २१८ ॥ वाघाए समऊणं कंडगमुकस्सिया अइत्थवणा । डायठिई किंचूणा ठिइकंडुक्कस्सगपमाणं ।। २१९ ॥ चरम नोव्वट्टिज्जइ जावाणताणि फहगाणि ततो । उस्सकिय ओकड्डइ एवं उबट्टणाईओ ॥ २२० ॥ थोवं पएसगुणहाणि अंतरे दुसु जहननिक्खेवो । कमसो अणतगुणिओ दुसुवि अइत्थावणा तुल्ला ॥ २२१ ॥ वाघाए ॥२६७|| णणुभागक्कंडगमेकाए वग्गणाऊणं । उकोसो निक्खेवो ससंतबंधो य सविसेसो ।। २२२ ॥ आबन्धा उक्कड्डइ सवहितोकड्डणा %A5% For Private and Personal Use Only
SR No.020535
Book TitlePanchashak Mulam
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
Author
PublisherRushabhdev Kesarimal Jain Shwetambar Sanstha
Publication Year1928
Total Pages372
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy