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नारकादि भेदाः
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जीमसमास काय | मघवत्ति माधवत्ति य पढवीणं नामधेयाई ॥ १२ ॥ रयणप्पभा य सकरवालुयपंकप्पभा य धूमपहा । होइ तम तम१सत्पद
| तमाविय पुढवीण नामगोत्ताई ।। १३ ॥ तिरियगइया पंचिंदिया य पज्जत्तया तिरिक्खीओ | तिरिया य अपज्जत्ता मनुया प्ररूपणायाँ
पजत्त इयरे य ॥ १४ ॥ ते कम्मभोगभूमिय अंतरदीवा य खित्तपविभत्ता । सम्मुच्छिमा य गन्भय आरिमिलक्खुत्ति य सभेया ॥२३८॥
| ॥ १५ ॥ देवा य भवणवासी वंतरिया जोइसा य वेमाणी । कप्पोवगा य नेया गेविज्जाणुत्तरसुरा य ।। १६ ॥ असुरा नागसुवना दीवोदहिथणियविज्जुदिसिनामा । वायाम्गकुमाराविय दसेव भणिया भवणवासी ॥ १७ ॥ किंनरकिंपुरिसमहोरगा य गंधव्य रक्खसा जक्खा । भूया य पिसायाविय अट्ठविहा वाणमंतरिया ॥ १८ ॥ चंदा मुरा य गहा नक्खत्ता तारगा य पंचविहा । जोइसिया नरलोए गइरयओ संठिया सेसा ॥ १९ ॥ सोहम्मीसाणसणंकुमारमाहिंदवंभलंतयया । सुक्कसहस्साराणयपाणय तह आरणच्चुयया ॥ २० ॥ हेटिममज्झिमउवरिमगेविज्जा तिण्णि तिणि तिण्णेव । सबढविजयविजयंतजयंत अपराजिया अवरे ॥२१॥ सुरनारएसु चउरो जीवसमासा उ पंच तिरिएसु । मणुयगईए चउदस मिच्छद्दिट्ठी अपज्जत। ॥ २२ ॥ एगिदिया य बायरसुहुमा पज्जत्तया अपज्जत्ता । बियतियचउरिदिय दुविहभेय पज्जत्त इयरे य ॥ २३ ॥ पंचिंदिया असण्णी सण्णी पज्जत्तया अपज्जत्ता । | पंचिदिएसु चोदस मिच्छट्ठिी भवे सेसा ॥२४॥ आहारसरीरिंदियपज्जत्ती आणपाण भासमणे । चत्तारिपंच छप्पिय एगिदियवि
गलसण्णीणं ।। २५ ।। पुढविदगअगणिमारुय साहारणकाइया चउद्धा उ। पत्तेय तसा दुविहा चोद्दस तस सेसिया मिच्छा ।। २६ ॥ | पुढवी य सक्करा वालुया य उवल सिला य लोणूसे । अयतंबतउयसीसय रुप्पसुवण्णे य वइरे य ।। २७ ॥ हरियाले हिंगुलए मणोसिला सासगंजणपवाले । अब्भपडलऽभवालय बायरकाए मणिविहाणा ॥ २८ ॥ गोमेज्जए य रुयए अंके फलिहे य लोहियक्खे य ।।
RECAACAREERICA
ર૩૮
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