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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आरक्खमनुस्स 163 आरग्ग तं पवत्तिं रो आरोचेसुं, जा. अट्ठ. 4.27; - सेहि तृ. वि., समन्नागतो, स. नि. अट्ठ. 2.274; - न्ना पु., प्र. वि., ब. ब. व. - आरक्खपुरिसेहि अनुबद्धो, थेरगा. अट्ठ. 1.260. व. - सक्यराजूनं मङ्गलपोक्खरणी अहोसि पासादिका आरक्खमनुस्स पु., कर्मस, उपरिवत् - स्सा प्र. वि., ब. आरक्खसम्पन्ना, म. नि. अट्ठ. (उप.प.) 3.1. व. - आरक्खमनुस्सा रत्तिं ओभासं दिस्वा, महेसक्खा आरक्खसारथि पु., कर्म. स., शा. अ., रक्षक सारथि, देवता... करिंसु, स. नि. अट्ठ. 3.24; - स्से द्वि. वि., ब. सावधान मन वाला रथ चालक, ला. अ., स्मृति, चित्त की व. - आरक्खमनुस्से उपसङ्कमित्वा, जा. अट्ठ. 2.272; - जागरूकता, अप्रमाद – थि प्र. वि., ए. व. - हिरी ईसा स्सेहि तृ. वि., ब. व. - आरक्खमनुस्सेहि निरोकासे ___ मनो योत्तं, सति आरक्खसारथि, स. नि. 3(1).6; ठाने खग्गं सन्नरिहत्वा, जा. अट्ठ. 1.257; - स्सानं ष. आरक्खसारथीति मग्गसम्पयुत्ता सति आरक्खसारथि स. वि., ब. व. - आरक्खमनुस्सानं भयजननत्थं, जा. अट्ठ. नि. अट्ठ. 3.158. 1.436. आरक्खसुत्त नपुं., अ. नि. का एक सुत्त जिसमें चित्त की आरक्खमूलक त्रि., ब. स., वह, जिसकी जड़ में रक्षा जागरूकता को सर्वोत्तम सुरक्षा कहा गया है, अ. नि. अथवा आरक्षण का भाव रहे, असुरक्षा की भावना से जनित 1(2).137. - कं नपुं., द्वि. वि., ए. व. - आरक्खमूलकम्पि दुक्खं आरक्खाधिकरणं अ., क्रि. वि., चित्त की जागरुकता के दोमनस्सं पटिसंवेदेति, महानि. 113; आरक्खमूलकन्ति फलस्वरूप, चित्त की सुरक्षा करने के कारण - रक्खणमूलकम्पि, महानि. अट्ठ. 222.. आरक्खाधिकरणं दण्डादानसत्थादान ... अनेके पापका आरक्खयट्ठि स्त्री., तत्पु. स. [आरक्षायष्टि], अपनी रक्षा के ___ अकुसला धम्मा सम्भवन्ति, दी. नि. 2.46; आरक्खाधिकरणन्ति लिए रखी जाने वाली छड़ी या लाठी - हिं द्वि. वि., ब. __ भावनपुंसकंआरक्खहेतूति अत्थो, दी. नि. अट्ठ. 2.80. व. -- दण्डोति आरक्खयहिँ सन्धाय वुत्तं, जा. अट्ट. 2.341; आरक्खित त्रि., आ + रक्ख का भू. क. कृ. [आरक्षित], - यं सप्त. वि., ए. व. - उस्सीसके ठपितआरक्खयष्टियं सुरक्षित, वह जिसकी पूरी तरह से रक्षा की गई है, पूर्णतया पतिहासि, जा. अट्ठ. 2.337; मणिम्हि दिन्ने आरक्खयद्वियं रक्षित - तो पु., प्र. वि., ए. व. - आरक्खितो अमच्चेहि पतिट्टहि, तदे.. यथाट्टानं महीपति, म. वं. 29.23; आरक्खितो गहितारक्खो आरक्खसंविधान नपुं, तत्पु. स., रक्षा का प्रबन्ध, संरक्षण महीपति, म. वं. अट्ठ, 478 (ना.). का प्रदान – नेन तृ. वि., ए. व. - आरक्खसंविधानेन आरक्खित्थी स्त्री., कर्म. स., रक्षा करने का काम कर रही रक्खितत्ता रक्खितं, पारा. अट्ट, 1.241; स. प. के अन्त. नारी --- त्थिया ष. वि., ए. व. - कचवरं सङ्कड्डित्वा - देवताहि कतारक्खसंविधानो, बु. वं. अट्ठ. 151. आरक्खित्थिया उपरि छड्डेसि, जा. अट्ठ. 1.281. आरक्खसति त्रि., तत्पु. स., सुरक्षित रखने की जागरूकता आरग्ग नपुं., [आराग्र], सुई का नुकीला शिरा, सुई का से युक्त - नो पु.. प्र. वि., ब. व. -- विहस्थ आरक्खसतिनो, अग्रभाग, टेकुआ का अग्रभाग – ग्गं प्र. वि., ए. व. - अ. नि. 2(1).129; आरक्खसतिनोति द्वाररक्खिकाय सतिया आरग्गमिव कंसपत्तं, ध. स. अट्ठ. 407; - ग्गेन तृ. वि., समन्नागता, अ. नि. अट्ठ. 3.45.. ए. व. - सब्बत्थ आरग्गेन लेखा दिन्ना होति, पारा. अट्ठ. आरक्खसम्पदा स्त्री., तत्पु. स., आरक्षण अथवा चित्त की 1.232; आरग्गेन निखादनग्गेन, वजिर. टी. 109; - ग्गा जागरूकता की सम्पत्ति - दा प्र. वि., ए. व. - कतमा प. वि., ए. व. - ... पातितो, सासपोरिव आरग्गा, ध. प. च, ब्यग्घपज्ज, आरक्खसम्पदा? इध, ब्यग्घपज्ज, 407; आरग्गाति यस्सेते रागादयो किलेसा, अयञ्च कुलपुत्तस्स भोगा होन्ति उद्यानविरियाधिगता बाहाबलपरिचिता, परगुणमक्खनलक्खणो मक्खो आरग्गा सासपो विय पातितो. सेदावक्खित्ता, धम्मिका धम्मलद्धा, अ. नि. 3(1).110. ध. प. अट्ठ. 2.387; - ग्गे सप्त. वि., ए. व. - आरग्गेरिव आरक्खसम्पन्न त्रि, तत्पु. स., रक्षा के साधनों से युक्त, सासपो, ध. प. 401; यथा च आरग्गे सासपो न उपलिम्पति अच्छी तरह से रक्षित, हर तरह के रक्षा-साधनों से भरपूर न सण्ठाति, ध. प. अट्ठ. 2.379; - कोटि स्त्री., सुई का - न्नो पु., प्र. वि., ए. व. - गहपति ... अवो महद्धनो नुकीला शिरा - या ष. वि., ए. व. - आरग्गकोटिया महाभोगो, सो च आरक्खसम्पन्नो, स. नि. 2(1).103; पतनमत्ते ओकासे, अ. नि. अट्ठ. 2.40; -- नित्तुदनमत्त आरक्खसम्पन्नोति अन्तो आरक्खेन चेव बहिआरक्खेन च त्रि., सुई के अग्रभाग की चुभन मात्र वाला - त्ते नपुं, For Private and Personal Use Only
SR No.020529
Book TitlePali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Panth and Others
PublisherNav Nalanda Mahavihar
Publication Year2009
Total Pages402
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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