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आयतन
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आयतन
मनो सञआसमनिस्स, पेटको. 249; - कथा स्त्री., तत्पु. स., आयतनों के विषय में कथन अथवा व्याख्यान -- थं द्वि. वि, ए. व. - तेसु आयतनकथं सज्झायन्तेसु सरे निमित्तं गहेत्वा, म. वं. टी. 152(ना.); - कुसल त्रि, तत्पु. स., आयतनों के विषय में कुशल – लो पु., प्र. वि., ए. व. - ... आयतनकुसलो च होति, म. नि. 3.108; - कुसलता स्त्री॰, भाव., आयतनों के विषय में कुशलता अथवा दक्षता - ता प्र. वि., ए. व. - अत्थि... तेन भगवता जानता पस्सता अरहता सम्मासम्बुद्धेन द्वे धम्मा सम्मदक्खाता, ... आयतनक सलता च पटिच्चसमुप्पादकुसलता च, दी. नि. 3.169; - घट्टन नपुं., तत्पु. स. [आयतनघर्षण], आयतनों की परस्पर में टकराहट, आयतनों के मध्य परस्पर में संपर्क - तो प. वि., ए. व. - आयतनघट्टनतो फस्सो जायति, विसुद्धि. 2.216; - नं प्र. वि., ए. व. - आयतनानं विसयिविसयभूतानं अचमाभिमुखभावो आयतनघट्टनं. विसुद्धि. महाटी. 2.322; - चरिया स्त्री., तत्पु. स., आयतनों से सम्बन्धित आध्यात्मिक चर्या, भीतरी एवं बाहरी, बारहों आयतनो से सम्बद्ध चर्या - या प्र. वि., ए. व. - अट्ठ चरियायो - इरियापथचरिया, आयतनचरिया, सतिचरिया समाधिचरिया, आणचरिया, मग्गचरिया, पत्तिचरिया, लोकत्थचरियाति, पटि. म. 207; आयतनचरियाति छसु अज्झत्तिकबाहिरेसु आयतनेसु. पटि. म. 207; - त नपुं., भाव. [आयतनत्व], आयतन । अथवा वासस्थान होना - त्ता प. वि., ए. व. - नयिदं देवायतनं विय मनस्स आयतनत्ता मनायतनं ध. स. अट्ठ. 185; - देसना स्त्री., तत्पु. स., आयतनों के विषय में उपदेश - ना प्र. वि., ए. व. - रूपभेदविभाविनी आयतनदेसना, मो. वि. टी. 139; - द्वार नपुं., कर्म. स., आयतनों का द्वार, आयतनरूपी द्वार, द्वार जैसा आयतन - कम्मजं आयतनद्वारवसेन पाकट होति, विसुद्धि. 2.257; आयतनद्वारवसेनाति आयतनसङ्घातद्वारवसेन, विसुद्धि महाटी. 2.385; - धातुनिद्देस पु., विसुद्धि के पन्द्रहवें अध्याय का शीर्षक, जिसमें आयतनों एवं धातुओं के अन्तर्गत धर्मों का सूक्ष्म विवेचन किया गया है, विसुद्धि. 2.109 117; -धीर त्रि., तत्पु. स., आयतनों के विषय में बुद्धिमान – रा पु.. प्र. वि., ब. व. - अपि च खन्धधीरा, धातुधीरा, आयतनधीरा, ..., महानि. 32; - नानत्त नपुं.. भाव.. आयतनों की अनेकता-त्तं द्वि. वि., ए. व. - आयतननानत्तं पजानाति, विभ. 388; आयतननानत्तन्ति इदं चक्खायतनं
नाम ... पे. ... इदं धम्मायतनं नाम, तत्थ दसायतना कम्मावचरा, द्वे चतुभूमका ति एवं आयतननानत्तं पजानाति, विभ. अट्ठ. 430; - निद्देस पु., विसुद्धि के एक खण्डविशेष का शीर्षक, जिसमें आयतनों का विवेचन किया गया है, विसुद्धि. 2.109-112; - से सप्त. वि., ए. व. -
सळायतनवारे चक्खायतनन्तिआदीसु यं वत्तब्ब, तं सब्ब विसुद्धिमग्गे खन्धनिद्देसे चेव आयतननिद्देसे च वुत्तनयमेव, म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(1).231; - पञत्ति स्त्री., तत्पु. स., आयतनों का वर्गीकरण, आयतनों का प्रकाशन अथवा विवरण - त्ति प्र. वि., ए. व. - खन्धपत्ति आयतनपत्ति, धातुपञत्ति, सच्चपञत्ति, इन्द्रियपत्ति, पुग्गलपञत्तीति, पु. प. 103; अत्थि सावकरस... पत्ति , कथा. 265; - यो द्वि. वि., ब. व. - इदानि ता आयतनपत्तियो दरसेन्तो छयिमानि, दी. नि. अट्ठ. 3.61; - पदेस पु., तत्पु. स., आयतनों का क्षेत्र अथवा आलम्बन के रूप में आयतन - सो प्र. वि., ए. व. - दसविधो हि पदेसो नाम- खन्धपदेसो, आयतनपदेसो..... धम्मपदेसोति, ध. स. अट्ठ. 32; - परियन्त पु., तत्पु. स., आयतनों की सीमा - न्ते सप्त. वि., ए. व. - खन्धपरियन्ते ठितो, धातुपरियन्ते ठितो, आयतनपरियन्ते ठितो, महानि. 163; 346; - पुच्छा स्त्री., तत्पु. स. [आयतनपृच्छा], आयतनों के विषय में प्रश्न या पूछताछ - च्छा प्र. वि, ए. व. - अपरापि तिस्सो पुच्छा-खन्धपुच्छा, धातुपुच्छा, आयतनपुच्छा, महानि. 251; - भेद पु., तत्पु. स., आयतनों के भेद, आयतनों का विभाजन - दं द्वि. वि., ए. व. - यं दिब्बं द्वादसायतनभेदं तथा मानुसकञ्च, सु. नि. अट्ठ. 2.138; - मच्छरिय नपुं, तत्पु. स. [आयतनमात्सर्य], आयतनों में विद्यमान कृपणता अथवा स्वार्थपरता - यं प्र. वि., ए. व. - खन्धमच्छरियम्पि मच्छरियं, धातुमच्छरियम्पि मच्छरियं, आयतनमच्छरियम्पि मच्छरियं गाहो, महानि. 26; - मार पु., आयतनों में विद्यमान मार - रो प्र. वि., ए. व. - ... कम्माभिसङ्खारवसेन पटिसन्धिको खन्धमारो धातुमारो आयतनमारो ... अन्वेति, चूळनि. 137; - लक्खण नपुं.. तत्पु. स., आयतनों का लक्षण - णं प्र. वि., ए. व. - आयतनलक्खणं सळायतनं, दस्सनादिरसं, वत्थुद्वार भावपच्चुपट्टानं, नामरूपपदहानं, उदा. अट्ठ. 35; - लोक पु., तत्पु. स., आयतनों का क्षेत्र - के सप्त. वि., ए. व. - अज्झत्तबहिद्धासङ्घाते सब्बस्मिम्पि आयतनलोके अज्झत्तबहिद्धारम्मणवसेन ... धोवित्वा ... एति, सु. नि.
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