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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org आधानगाही जिसे मजबूती के साथ रखा गया है या जमा किया गया है आधानं दुच्यति दव्हं युद्ध ठपितुं तथा कत्वा गण्हातीति आधानग्गाही, दी. नि. अट्ट. 3.21; आधानं गण्हन्तीति आधानग्गाही, आधानन्ति दहेयुच्चति दहग्गाहीति अत्थो म. नि. अट्ट. ( मू.प.) 1 (1) 198 स. उ. प. के रूप में उदका. कण्टका., पुप्फा, मुखा, युगा, सा. तथा के अन्त. द्रष्ट. (आगे). 88 7 आधानग्गाही त्रि.. [आधारग्राहिन्] शा. अ. अपने लिए या अपना आधार ग्रहण करने वाला, ला. अ. अपनी बात पर अड़ा रहने वाला, जिद्दी - ही पु०, प्र. वि., ए. व. भिक्खु सन्दिद्विपरामासी होति आधानग्गाही दुष्पटिनिस्सग्गी, चूळव. 197; आधानग्गाहीति दलहग्गाही, परि. अट्ठ. 154; आधानं गण्हन्तीति आधानग्गाही, आधानन्ति दळ्हं वुच्चति, दहग्गाहीति अत्थो, म. नि. अड्ड. (म.प.) 1(1).198 हिस्स पु.. ष. वि. ए. व. सन्दिद्विपरामासि - आधानग्गाहि दुष्पटिनिस्सग्गिस्स पुरिसपुग्गलस्स. म. नि. 1.56; विलो. अनाधानग्गाही अपनी बात पर न अड़ने वाला, जिद्दीपन से मुक्त हठधर्मिता से मुक्त 'असन्दिद्विपरामासी अनाधानग्गाही सुप्पटिनिस्सग्गी भविस्सामा "ति चित्तं उप्पादेतब्ब, म. नि. 1.55, 58. आघाय आधा से व्यु. सं. कृ. [आधाय], ठीक से रखकर अच्छी तरह स्थापित करके - भिक्खुना दन्तेभिदन्तमाधाय जिव्हाय तालु आहच्च चेतसा चित्तं अनिनिग्गहितब्बं म. नि. 1.171; दन्तेभिदन्तमाधायाति हेद्वादन्ते उपरिदन्तं ठपेत्वा, म. नि. अट्ठ (मू०प०) 1(2). 185. आधार पु.. [आधार] 1. वह जिस पर कोई भी वस्तु या व्यक्ति स्थित हो, ग्रहण करने वाला, खड़े होने की जगह, 2. कारण चर्चा में आया हुआ विषय मञ्चाधारो पटिपादो मञ्च त्वटनित्थिय, अभि. प. 309; आधारो चाधिकरणे पत्ताधारे लवालके, अभि. प. 1011; अधिद्वितियमाधारे ठानेधिद्वानमुच्यते, अभि. प. 1032 - रो प्र. वि. ए. व. नाय कायो इमरस अव्वन्तसन्तस्स पणीततमस्स अरियधम्मस्स आधारो भवितुं युत्तो"ति, उदा. अट्ठ. 235; रं हि. वि. ए. द. - महता मणिना एकं आधारं दन्तधातुया चू. वं. 82.11 - रे सप्त. वि., ए. व. उदमणिको पूरो उदकस्स समतित्तिको काकपेय्यो आधारे ठपितो, म. नि. 3.139; - तो प. वि., ए. व. नदीन आधारतो पटिसरणतो च सागरो मुखन्ति दुत्तो. म. नि. अड. (म.प.) 2285 3 व्या के विशेष सन्दर्भ में सप्त, वि. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private and Personal Use Only के अर्थ अधिकरण का सूचक रो प्र. वि. ए. व. यो आधारो तं ओकाससञ्ञ होति, क. व्या. 280; - रे सप्त. वि. ए. व. आधारे चेतं भुम्मवचनं थेरगा. अड. 1.156; स. उ. प. के रूप में, जला. पु०, जल का आधार, जलाशय, पोखर जलासयो जलाधारो, गम्भीरो रहदो स च, अभि. प. 677; तदा.- पु०, उसका आधार या सहारा परिकप्पादिवसेन निष्फादेतबस्स विधिनो पि नाम कप्पो पन तदाधारत्ता तद्वितन्ति पवुच्चति, सद्द 3.783; तिदिवा. - पु. तीन प्रकार के स्वर्गों का आधार (सुमेरु) सिनेरु मेरु तिदिवाधारो नेरु सुमेरु घ अभि. प. 28 दण्डा. पु. छड़ी का सहारा, डण्डे का आधार रे सप्त. वि., ए. व. - भूमि आधारके दारुदण्डाधारे सुसज्जिते खु. सि. 68 निरा.त्रि. बिना आधार वाला, असहाय निराधारजनाधारो जरादुब्बलजन्तुसु . . 87.45 पत्ता. पु., पात्रों का आधार पत्ताधारपिधानेसु तालवण्टे च बीजने, खु. सि. 271; मञ्चा. - पु०, पलंग का पैर से प्र. वि., ए. व. मञ्चाधारो पटिपादो, मञ्चले त्वटनित्थियं अभि. प. 309 सम्बन्धद्वया.- पु०, सम्बन्ध अर्थ का आधार रे सप्त. वि. ए. व. सम्बन्धद्वयाधारे छुट्टी विभत्ति होति सद. 3.722; सासना. पु. तत्पु. स. बुद्ध के धर्म एवं सङ्घ का पुब्बे लङ्कादीपा ते नरवरपवरा सासनाधारभूता. चू० वं. 998182, सुता. त्रि.. जो कुछ धर्मग्रन्थों से सुना है, उसे आधार बनाने वाला रो पु. प्र. वि. ए. . - धम्मकामो सुताधारो भवेय्य परिपुछको जा. अड. 7.180 स. पू. प. के रूप में, - त्त नपुं, भाव. [आधारत्व], आधार-भाव, सहारा होना ताप वि., ए. व. सम्मासम्बुद्ध कप्पानं आधारता व निच्चसो, चू, वं. 64.31 परिकप्प त्रि.. आधार जैसा प्पो पु. प्र. वि., ए. क.. सुणन्तानं आधारसुति च आधारपरिकप्पो च होति येव, सद्द 1.125; - प्पत्त त्रि, आधार-भाव को प्राप्त- उभयथापि पगुणं आधारपत्तं करोन्तो धारेति नाम स. नि. अड. 2.66 सहारा माव पु.. [आधारभाव ] आधार होना संघस्स दानकिरियाय आधारभावतो "संधे सद. 1.125. आधारक त्रि., सहारा देने वाली कोई भी वस्तु, 1. पु०, पैर रखने वाला पीढ़ा को प्र. वि. ए. व. आधारको पत्तपिधानं, तालवण्टं, बीजनी चङ्कोटकं, पच्छि, यद्विसम्मुञ्जनी मुट्ठिसम्मुज्ञ्जनीति, चूळव, अड. 82. तथागतस्स सेतच्छतं निसीदनपल्लो आधारको पादपीठन्ति इमानि पन चत्तारि अनग्धानेव अहेसुं ध. प. अड्ड. 2.66 कं द्वि. वि. ए. - आधारक — - - -
SR No.020529
Book TitlePali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Panth and Others
PublisherNav Nalanda Mahavihar
Publication Year2009
Total Pages402
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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