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अग्गि
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अग्गि
वि., ए. व. - किस्स पन अग्गिगतं चलति खब्मति लुळति आविलति ऊमिजातं होति, मि. प. 243; - तो पु., प्र. वि., ए. व. - अकाले मरति, अग्गिगतो, मि. प. 278; - गवेसी त्रि., [अग्निगवेषिन्], अग्नि का गवेषक, आग की गवेषणा या खोज करने वाला, अग्निपर्येषक - सी पु., प्र. वि., ए. व. - सेय्यथापि, भूमिज, पुरिसो अग्गित्थिको अग्गिगवेसी अग्गिपरियेसनं चरमानो ..., म. नि. 3.181; - ज त्रि., [अग्निज]. अग्नि से उत्पन्न आग की लपटें - काळा निदाघेरिव अग्गिजारिव, जा. अट्ठ. 5.399; अग्गिजारिवाति अग्गिजाला इव, तदे; - जालन नपुं., अग्नि का जलाना या सुलगाना, अग्नि को उत्तेजित करना, आग के द्वारा तापन- तथा जन्ताघरे बुड्ढे चेत्थ अनापच्छा अग्गिजालनादीनि करोति, खु. पा. अट्ठ. 196; - जाला स्त्री., [अग्निज्वाला]. 1. एक पौधे का नाम, घातकीवृक्ष - अग्गिजाला तु घातकी, अभि. प.589; 2. अग्निशिखा, ज्वाला, लपट, आग की लौ - लं द्वि. वि., ए. व. - अग्गिजालं विय लोहितधारं उग्गिरमानं तस्स मुखं दिस्वापि ... जा. अट्ठ. 1.41; - हि तृ. वि., ब. व. - वेदनाहि अग्गिजालाहि विय परिडरहमानस्स. ध. प. अट्ठ. 1.266; - जुहन नपं., अग्निहोम, अग्नि में हवि प्रदान, अग्नि में आहुति अर्पण - नं द्वि. वि., ए. व. - इदं सत्था जेतवने विहरन्तो अग्गिजुहनं आरम कथेसि, जा. अट्ठ. 2.35; - जुहनकटच्छु पु., अग्नि में आहुति डालने की डोई - अग्गिहत्तन्ति अग्गिजुहनकटच्छु जा. अट्ठ. 7.288; - झापनतल नपुं., म्यां-मां के एक स्थान का नाम - तं पिठानं यावज्जतना, अग्गिझापनतलं ति पाकटं सा. वं. 57; -ट्ठ नपुं, स्त्री॰ [अग्निस्थ], अग्निस्थान, अग्निकुण्ड, अग्निशाला - अग्गिटुं परिमज्जन्तं, ... अग्गिट्ठन्ति अग्गिसालं, जा. अट्ठ. 5.149;-द्वान [अग्निस्थान], उपरिवत् - तेन खो पन समयेन भिक्खू खुद्दके जन्ताघरे मज्झे अग्गिवानं करोन्ति, चूळव. 239; - त्थिक त्रि., [अग्न्यर्थिक]. अग्नि की इच्छा रखने वाला, अग्निगवेषी, अग्निपर्येषक - को पु.. प्र. वि., ए. व. - पुरिसो अग्गित्थिको अग्गिगवेसी अगिपरियेसनं चरमानो, म. नि. 3.181; - दड्ड त्रि., [अग्निदग्ध], आग से जला हुआ - ड्ढो पु., प्र. वि., ए. व. - अग्गिदड्डोव तप्पति,ध, प. 136; अग्गिदडोव आतपे, जा. अट्ट, 6.263; - दत्त पु., [अग्निदत्त], 1. ककुसन्ध-बुद्ध के एक ब्राह्मण-पिता का नाम - ककुसन्धस्स, भिक्खवे, भगवतो अरहतो सम्मासम्बुद्धस्स अग्गिदत्तो नाम ब्राह्मणो पिता अहोसि. दी. नि. 2.6; 2. एक भिक्षु का नाम, जिसको थेरगा. के
गहवरतीरियत्थेरगाथा का रचयिता कवि माना गया है - ब्राह्मणकुले निब्बत्तित्वा अग्गिदत्तो ति लद्धनामो .... थेरगा. अट्ठ. 1.95; 3. वाराणसी के एक ब्राह्मण का नाम - अतीते किर वाराणसियं अग्गिदतस्स नाम ब्राह्मणस्स, ध. प. अट्ठ. 2.68; 4. कोशल के राजा के पुरोहित का नाम - सो किर महाकोसलस्स पुरोहितो अहोसि, ध. प. अ. 2.139; - दत्तब्राह्मणवत्थु नपुं, ध. प. अठ्ठ. की एक कथा का शीर्षक,ध. प. अट्ठ.2.139-142; - दाह/डाह पु.. अग्नि का प्रकोप, अग्निदाह, अग्नि के प्रज्वलन की उत्तेजना, प्रज्वलन वाली आग, अग्निकाण्ड - होति सो, भिक्खवे, समयो यं महाअग्गिडाहो वुढाति, अ. नि. 1(1).206; - देव पु., 1. उत्तरमधुरा के राजा उपसागर से उत्पन्न देवगर्भा के पांचवें पुत्र का नाम, एक राजकुमार का नाम - देवगब्भाय .... पञ्चमो अग्गिदेवो ... अहोसि, जा. अट्ठ. 4.72; पे. व. अट्ठ. 82; 2. अग्निदेव, अग्निदेवता - वरतोति वरस्स अग्गिदेवस्स यजित्वा, जा. अट्ठ. 7.48; 3. एक चक्रवर्ती राजा का नाम- इतो एकादसे कप्पे, अग्गिदेवोति विस्सुतो, अप. 1.222; - नि पु., क. व्या. के अनुसार केवल प्र. पु.. ए. व. में प्रयुक्त [अग्नि]. आग - पुरतो अग्गिनि पच्छतो अग्गिनि, क. व्या. 95, तुल. गिनिः; - निकासी त्रि., अग्नि अथवा ऊष्मा के कारण देदीप्यमान अर्थात् सूर्य - सिना पु.. त. वि., ए. व.- अग्गिनिकासिफालिमन्ति अग्गिनिकासिना सूरियेन फालितं विकसितन्ति अत्थो, जा. अट्ठ. 3.281; - निकासि-फालिम त्रि., सूर्योदगमन के समय खिलनेवाला, धूप में प्रस्फुटित होनेवाला - मं नपुं., प्र. वि., ए. व. - पदुमं यथा अग्गिनिकासिफालिम, जा. अट्ठ. 3.281; - निब्बान नपुं.. आग को बुझाना, आग को शान्त करना - नं प्र. वि., ए. व. - दहनं अग्गिनिब्बानं तत्थ सक्कारमेव च, म. वं. 30.86; - निब्बापन प., एक चक्रवर्ती का नाम - अग्गिनिब्बापनो नाम ... चक्कवत्ती महब्बलो, अप. 1.160%; -निसम त्रि., अग्नि के समान प्रज्वलित - मासु स्त्री., सप्त. वि., ब. व. - पच्चन्ति हितास चिररत्तं अग्गिनिसमास समुप्पिलवाते, सु. नि. 675; अग्गिनिसमासूति अग्गिसमासु, सु. नि. अट्ठ. 2.181; - पक्किक त्रि., तत्पु. स. [अग्निपक्वक], अग्नि के द्वारा पकाये हुए पर आश्रित रहने वाला - का पु., प्र. वि., ब. व. -- अग्गिपक्केन जीवन्तीति अग्गिपक्किका, लीन. (दी.नि.टी.) 1.271; - पज्जोत पु.. [अग्निप्रद्योत], आग का प्रकाश - ... अग्गिपज्जोतो, पञआपज्जोतो, अ. नि. 1(2).161; - पदित्त त्रि.,
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