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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अमनुस्सित्थी 529 अमर अमनुस्सित्थी स्त्री., अमानवी स्त्री, मनुष्य-योनि से भिन्न सम्बन्धो कातब्बो, म. वं. टी. 84(ना.); - स्स पु., ष. वि., योनि की स्त्री - त्थी प्र. वि., ए. व. - कि मनुस्सित्थि ए. व. - अममस्स ठितस्स तादिनो, उदा. 92; अममस्साति उदाहु अमनुस्सित्थीति पुच्छति, पे. व. अट्ठ. 41; - त्थियो रूपादीसु कत्थचि... अममस्स ममङ्काररहितस्स, उदा. अट्ठ. ब. व. - अथ नं ता अमनुस्सित्थियो दूरतोव आगच्छन्तं 134; - मेसु पु., सप्त. वि., ब. व. - दीघायुकेसु अममेसु दिस्वा एस मम परिग्गहो, एस मे परिग्गहोति, उपधाविंस.. पाणिसु, नेत्ति. 119; - गा पु., प्र. वि., ब. व. - वितरेय्य पे. व. अट्ठ. 134. ओघ अममा चरन्ति, सु. नि. 500. अमनुस्सुस्सदट्ठान नपुं.. मानवेतर प्राणियों की भीड़ से भरा अममायन्त त्रि., ममायति का वर्त. कृ. का निषे., तृष्णा हुआ स्थान - नानि प्र. वि., ब. व. - द्वेपि चेतानि ठानानि अथवा आसक्ति न करता हुआ - ... चक्खं अममायन्तो अमनुस्सस्सदठानानि होन्ति, तस्मा वज्जेतब्बानि, अ. नि. सोतं अममायन्तो घानं महानि. 36; अममायन्तोति तण्हादिट्ठीहि अट्ठ. 3.131. आलयं अकरोन्तो, महानि. अट्ठ. 128. अमनुस्सूपद्दव त्रि., [अमनुष्योपद्रव], भूतों या दुष्टात्माओं अममायित त्रि., ममायति के भू. क. कृ. का निषे०, नहीं के उत्पातों से बाधित, भूतों से बाधित या ग्रस्त -- वो पु.. दुलराया हुआ, नहीं पुचकारा हुआ, नहीं अपनाया गया - प्र. वि., ए. व. - भन्ते, अमनुस्सुपद्दवो मग्गो, तुम्हे च ता पु.. प्र. वि., ब. व. - अममायिता कामा, महानि. 2; अन्धा परिणायका, कथं इधं वसिरसथा ति? ध. प. अट्ठ. अममायिताति वुत्तपटिपक्खा, महानि. अट्ठ. 13. 1.10. अमर' त्रि., [अमर], अमर्त्य, वह, जो मृत्यु का विषय न हो, अमनोरम त्रि., [अमनोरम]. वह, जो मन को रमाने योग्य कभी न मरने वाला, अविनाशी - रो पु., प्र. वि., ए. व. - न हो, असुन्दर, अप्रीतिकर, अप्रिय, अरुचिकर - मं' पु., द्वि. न चत्थि सत्तो अमरो पथब्या, जा. अट्ठ. 5.75; अमरोति वि., ए. व. - नाभिजानामि उप्पन्न, आबाधं अमनोरम, जा. अमरणसभावो सत्तो नाम नत्थि, तदे. - रा ब. व. - चरिम्हा अट्ठ. 5.316; - मं स्त्री., वि. वि., ए. व. - एत्थन्तरे न अमरा विय, जा. अट्ट. 7.124; - रा स्त्री, प्र. वि., ए. व. जानामि, चेतनं अमनोरम, अप. 2.60. - न मरतीति अमरा, दी. नि. अट्ठ. 1.98; - राय ष. वि., अमन्ती पु., [अमन्त्रिन्]. दुष्ट मन्त्री, दुष्ट अमात्य - नं पु.. ए. व. - अमराय दिडिया वाचाय च विक्खेपोति अमराविक्खेपो, द्वि. वि., ए. व. - अप्पसेनोपि चे मन्ती, महासेनं अमन्तिनं. दी. नि. अट्ट, 1.98; - रं नपुं., द्वि. वि., ए. व. - सुद्धिमग्गं जा. अट्ठ. 6.275. अजानन्तो, अकासिं अमरं तपं. थेरगा. 219; - रा प्र. वि., अमथ्यमान त्रि., मथ/मन्थ के कर्म. वा. के वर्त. कृ. का ब. व. - ये वापि लोके अमरा बहू तपा, सु. नि. 252; अमरा निषे. [अमथ्यमान], अग्नि के समान रगड़ या संघर्षण से ति अमरभावपत्थनताय पवत्तकायकिलेसा, सु. नि. अट्ठ. उत्पन्न न किया हुआ - नो पु.. प्र. वि., ए. व. - 1.266. नामत्थमानो अरणीनरेन, नाकम्मुना जायति जातवेदो, जा. अमर पु., [अमर], क. देवता - तिदसा त्वमरा देवा अट्ठ. 7.52; नामत्थमानोति नापि अरणिहत्थेन नरेन । विवुधा च सुधासिनो, अभि. प. 11; सद्द. 2.477; ख. एक अमत्थियमानो निब्बत्तति, जा. अट्ठ. 7.54. मछली, अत्यधिक चिकनी होने से जिसे मारना अत्यन्त अमन्द त्रि., वह, जो थोड़ा न हो, वह, जो अत्यल्प न हो, __ कठिन होता है - रो प्र. वि., ए. व. - यथा अमरो नाम अत्यधिक, व्यापक, सुविस्तृत - अमन्दचन्दनत्थम्भसोभित्तेन मच्छो उदके गहेत्वा मारेतुं न सक्का .... विभ. अट्ठ. 463; विजम्भिना, चू. वं. 73.106. - कोस पु., [अमरकोश(ष)], अमरसिंह के द्वारा विरचित अमम त्रि., [अमम], निर्धन, ममता से विरहित, अहंकार- एक संस्कृत शब्दकोश का नाम - से सप्त. वि., ए. व. - विहीन, तृष्णारहित, स्वार्थरहित - मो पु., प्र. वि., ए. व. - पहुण्णं कोसेय्यविसेसोति हि अमरकोसे वृत्तं लीन. (दी.नि.टी.) गिही दारपोसी अममो च सुब्बतो, सु. नि. 222; अममो च 3.199; तुल., पत्त्रोर्ण धौतकौशेयम्, अमर. 2.6.113; - सुब्बतो, पुत्तदारेसु तण्हादिट्टिममत्तविरहितो, सु. नि. अट्ट. गिरि पु., अत्थदस्सी बुद्ध के प्रासादों में एक प्रासाद का 1.228; - म पु.. संबो., ए. व. - पुनरागमनेनेत्थ वासभूमि नाम - अमरगिरि सुगिरि वाहना तयो पासादमुत्तमा, बु. वं. ममामम, म. वं. 1.66; तत्थ वासभूमि ममाममा ति वासभूमि 339; - तप नपुं.. [अमरतप], अमर होने के लिये की गई मम अमम इति पदच्छेदो, अमम महादय एत्थ मम .... तपस्या - पं प्र. वि., ए. व. - अमर तपन्ति अमरतपं For Private and Personal Use Only
SR No.020528
Book TitlePali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Panth and Others
PublisherNav Nalanda Mahavihar
Publication Year2007
Total Pages761
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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