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अन्तेपुरित्थी 339
अन्तो तात महापदुमकुमार, .... ... महाविरवं विरविंसु, जा. अट्ठ. अनुकम्पाय ... धम्माभिसमयो ... माणवकसतानन्ति, मि. प. 4.170; तत्थ रूपूपजीविनियो मातुगामा अन्तेपुरिकादयो च 178-79; - वत्त नपुं., तत्पु. स. [अन्तेवासिकव्रत], महाव. सप्पिफाणितं नाम पिवन्ति, ध. स. अट्ठ. 422; - कपारुत । के महाखन्धक में अन्तर्भूत एक खण्ड का शीर्षक, जिसमें नपुं, तत्पु. स., अन्तःपुर में रहने वाली नारियों का चूंघट - तत्थ भिक्षु-शिष्यों के कर्तव्यों का विवरण है; महाव. 73-77; - यं किञ्चि सेतपटपारु तं ... अन्तेपुरिकपारुतं ... सब्बमेतं वास पु., तत्पु. स. [अन्तेवासिकवास]. शिष्य के समान गिहिपारुतं नाम ... यथा च अन्तेपुरिकायो अक्खितारकमत्तं जीवनवृत्ति - ..., अन्तेवासिकवासो विय भविस्सति, पे. व. दस्सेत्वा ओगुण्ठिकं पारुपन्ति, चूळव. अट्ठ, 56.
अट्ठ. 11; -सिका स्त्री., शिष्या - कथहि नाम अन्तेवासिका अन्तेपुरित्थी स्त्री., तत्पु. स. [अन्तःपुरस्त्री], राजा के आचरियेसु न सम्मा वत्तिस्सन्तीति, चूळव. 375; - कामिसेक रनिवास में रहने वाली नारी - ज्ञा थेरगुणं सुत्वा ओ पु., तत्पु. स., शिष्य के रूप में अभिषेक - ये एथ सत्थु अन्तेपुरित्थियो, म. वं. 14.46.
सम्मुखा अन्तेवासिकाभिसेकेन, दी. नि. 2.115; ये एत्थाति ये अन्तेवासी पु., [अन्तेवासिन], शा. अ. स्वामी या आचार्य तुम्हे एत्थ सासने सत्थारा सम्मुखा अन्तेवासिकाभिसेकेन के समीप में बसने वाला, ला. अ. शिष्य, शिशिक्षु, सेवक, अभिसिता, .... दी. नि. अट्ठ. 162; - सिवास/सीवास सहायक, परिचारक - सोत्थियो छन्दसो सो, पु., तत्पु. स., शिष्य के समान जीवन-दशा, शिष्यत्व - मा अथसिसाअन्तेवासिनो, अभि. प. 408; अमोघो तुम्हमोवादी, भवं उदायि, आचरियो हुत्वा अन्तेवासीवासं वसी ति, म. नि. अन्तेवासिम्हि सिक्खितो ति, थेरगा. 334; आहरियिस्सति 2.241; मानवोति अन्तेवासिवासं अनतीतभावेन वुच्चति, घरं गन्त्वा अन्तेवासिं आणापेसि, महाव. 293; ... राजागारके जातिया पन महल्लको, सु. नि. अट्ठ. 2.126; तुल. एकरत्तिवासं उपगच्छि सद्धि अन्तेवासिना ब्रह्मदत्तेन माणवेन, अन्तेवासिकवास; -- सूपद्दव पु., तत्पु. स., शिष्य के ऊपर दी. नि. 1.2; अञदेव आचरियो अन्तेवासिस्स भासति तं आया हुआ सङ्कट या विपत्ति - ... आचरियूपद्दवो होति, एवं तदेवस्स अन्तेवासी अब्भनुमोदति, म. नि. 2.317; एत्थ अन्ते सन्ते अन्तेवासूपद्दवो होति, .... म. नि. 3.158. वसतीति अन्तेवासी समीपचारो सन्तिकावचरो सिस्सोति अन्तो अ., क्रि. प. के साथ उप. की भांति प्रयुक्त, अत्थो, दी. नि. अट्ट, 1.36; तुल. अन्तेवासिक.
सम्बन्धसूचक अ० [अन्तर]. 1. क्रि. वि., बीच में, मध्य में अन्तेवासिक पु./स्त्री., [अन्तःवासिक], शिष्य, शिशिक्षु - या अन्दर में, भीतर में - अन्तरेनन्तरा अन्तो, अभि. प.
सन्तिके सिप्पुग्गण्हनको अन्तेवासिको नाम, जा. अट्ठ. 1150; अन्तो चे, ... वुटुं वहिपक्कं, सामं पक्कं तञ्चे 1.140; अन्तेवासिको आचरियम्हि पितुचित्तं उपट्ठापेस्सति, परिभुजेय्य, आपत्ति द्विन्नं दुक्कटानं, महाव. 287; तस्मा महाव. 68; अन्तेवासिकं वा सद्धिविहारिकं वा न सम्मा कत्वा पुरं अन्तो सीमं बन्धथसज्जुकं, म. वं. 15.183; 2. वत्तन्तं निक्कडति वा निकडापेति वा, पाचि. 67; यथा क्रि. प. के साथ उप. के रूप में, क. प. वि. में अन्त अन्तेवासिकस्स आचरियो अत्थि, .., मि. प. 250; सम्मा होने वाले पदों के साथ में - अन्तो अस्स वसन्तीति पटिपन्ने अन्तेवासिके ये आचरियानं पञ्चवीसति आचरियगुणा, अस्स पुग्गलस्स अन्तो अब्भन्तरे चित्ते वसन्ति पवत्तन्ति, स. मि. प. 105; - ता स्त्री., अन्तेवासिक का भाव. नि. टी. 3.34; त्यास्स अन्तो वसन्ति, अन्तस्स ... अकुसला [अन्तेवासिकता], शिष्यत्व, शिशिक्षुत्व, अधीनता - ..., ते धम्माति, स. नि. 2(2).139; अनन्तेवासिकन्ति अन्तो महल्लककालेपि अन्तेवासिकताय माणवकात्वेव वुत्ता, स. वसनककिलेसविरहितं. स. नि. अट्ठ. 3.46; त्यस्स अन्तो नि. अट्ठ. 3.41; - माणव पु., कर्म. स., युवा ब्राह्मण-शिष्य वसन्ति अन्वासवन्ति पापका अकुसला धम्माति, महानि. 10%; - तेसु पुरोहितस्स अन्तेवासिकमानवो पण्डितो व्यत्तो आचरियं अन्तो वसन्तीति अब्भन्तरे चित्ते निवसन्ति, महानि. अट्ठ. 52; आह, जा. अट्ठ. 1.328; पाठा. अन्तेवासिकमानव; - कम्यता ख. वि. वि. में अन्त होने वाले पदों के साथ - सो स्त्री., तत्पु. स., शिष्य प्राप्त करने की कामना, शिष्य बनाने तं सत्ताह अन्तो सन्निवत्तं करोति, महाव. 204; ग. अव्ययी. की इच्छा - ..... एवमस्स - अन्तेवासिकम्यता नो समणो स. के पू. प. के रूप में प्रायः सप्त. वि., द्वि. वि. गोतमो एवमाहाति, दी. नि. 3.40; अन्तेवासिकम्यताति तथा प. वि. में अन्त होने वाले नामपदों के साथ अन्तेवासिकम्यताय, अम्हे अन्तेवासिके इच्छन्तो, दी. नि.. प्रयुक्त - तस्मिं समये अन्तोअटवियं चोरा मनुस्से विलुम्पित्वा अट्ठ. 3.24; .... न पक्खहेतु न अन्तेवासिकम्यताय, अथ खो पलायिंसु, जा. अट्ठ. 1.294; निच्चले बुद्धे ... योजनसतिके
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