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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनोमनाम 321 अनोरपार सुधम्मपुर निवासी एक थेर का नाम - सुधम्मपुरे हि 7.163; दद्दल्लमानं सिरिया अनोमवण्णं, दस्सेस पत्तं समापत्तिलाभी अनोमदरसी नाम थेरो ... निसीदि, सा. वं. असितव्हयस्स, सु. नि. 691; महासनं देवमनोमवण्णं, यो 58(ना.); ग. श्रीलङ्का के हत्थवनगल्लविहार के एक थेर का सप्पिना असक्खि भोजेतुमग्गिं, जा. अट्ठ. 7.48. नाम - अनोमदस्सिनामस्स महासामिस्स धीमतो, चू. वं. अनोमविरियत्त नपुं., अनोमवीरिय का भाव. [अनवमवीर्यत्व], 86.38. अत्यन्त श्रेष्ठ वीर्य या पराक्रम वाला होना - अनोमनिक्कमोति अनोमनाम त्रि., ब. स. [अनवमनाम], शा. अ. वह व्यक्ति, सय्हो नाम सो बुद्धो, अनोमविरियत्ता पन अनोमनिक्कमोति जो अपने सम्पूर्ण गुणों एवं ज्ञान की उत्तमता के आधार पर वुत्तो, म. नि. अट्ठ. (उप.प.) 3.92-93. अत्यधिक प्रसिद्ध हों, ला. अ. गौतम बुद्ध तथा पदुमुत्तर अनोमविहारी त्रि, [अनवमविहारी], उत्तम या श्रेष्ठ व्यवहार बुद्ध की एक उपाधि - अनोमनाम सत्थारं हन्द पस्साम करने वाला, निकृष्ट रूप में आचरण न करने वाला, घटिया गोतम, सु. नि. 153; तत्थ अनोमेहि अलामकेहि जीवन न जीने वाला - अनोमनिक्कमोति अनोमविहारी सब्बाकारपरिपूरेहि गुणेहि नामं अस्साति अनोमनामो, जा. सेट्टविहारी, दी. नि. अट्ठ. 3.101. अट्ठ. 1.173; अनोमनाम निपुणत्थदस्सिं, पञ्जाददं कामालये अनोमसत्त/अनोमकसत्त त्रि.. ब. स. [बौ. सं. अनोमसत्त्व, असत्तं, स. नि. 1(1).37; 272; पञ्चमे अनोमनामन्ति । शा. अ. अत्यन्त उत्कृष्ट जीव, परिपूर्ण प्राणधारी, ला. अ. सब्बगुणसमन्नागतत्ता अवेकल्लनाम, स. नि. अट्ठ. 1.76. बुद्ध, बोधिसत्त्व, प्रत्येक-बुद्ध, अर्हत् एवं चक्रवर्ती राजा - अनोमनिक्कम त्रि., ब. स., अत्यन्त उत्कृष्ट वीर्य अथवा तमत्थं विदित्वा अनोमसत्तानं कम्मं नाम एवं विसुज्झती ति पराक्रम से युक्त - पब्बजम्पि च अनोमनिक्कमो, अग्गत सत्था .... जा. अट्ठ. 5.407; - परिभोग त्रि., तत्पु. स. वजति सब्बपाणिनं, दी. नि. 3.116; दुरन्नयो सङ्घो अथोपि [बौ. सं. अनोमसत्त्वपरिभोग], परिपूर्ण जीवधारी, उत्तम उज्जयो, अपरो मुनि सय्हो अनोमनिक्कमो. म. नि. 3.1163; व्यक्ति द्वारा अनुभव किये जाने योग्य भोगसाधन या संपत्ति अनोमनिक्कमोति सय्हो नाम सो बद्धो, अनोमवीरियत्ता पन -- अनोमसत्तपरिभोग, रतनं तेन वुच्चतीति, खु. पा. अट्ठ. अनोमनिक्कमोति वुत्तो, म. नि. अट्ठ. (उप.प.) 3.92-93. 136; उदा. अट्ठ. 247; - सम्मत त्रि., कर्म. स., अन्य लोगों अनोमपञ त्रि., ब. स. [अनवमप्रज्ञ], महती प्रज्ञा वाला, द्वारा परमश्रेष्ठ प्राणी के रूप में माना गया व्यक्ति - परिपूर्ण या सर्वोत्तम प्रज्ञा वाला, परिपूर्ण प्रज्ञा वाला - तथागतो हि लोके अनोमक सत्तसम्मतान पुच्छाम सत्थारमनोमपञ्ज, दिद्वेव धम्मे .... सु. नि. 345; अनुपनिस्सयसम्पन्नानं ... छन्नं सत्थारानं ... अपरिभोगो, अनोमपञ्जन्ति ओम वुच्चति परित्तं लामक, न ओमपझं. खु. पा. अट्ठ. 140. अनोमपझं महापञ्जन्ति अत्थो, सु. नि. अट्ठ. 2.73; एवं अनोमा स्त्री., व्य. सं., क. नारद बुद्ध की माता का नाम - करोन्ति ये सद्दहन्ति, वचनं अनोमपञ्जस्स, थेरीगा. 524; ये अनोमा नाम जनिका नारदस्स महेसिनो, बु. वं. 327; ख. सदहन्ति वचनं अनोमपञस्सा ति, ... परिपुण्णपञ्जस्स एक नदी का नाम - बोधिसत्तो एकरतेनेव तीणि रज्जानि सम्मासम्बुद्धस्स वचनं ये..., थेरीगा. अट्ठ. 318. अतिक्कम्म तिंसयोजनमत्थके अनोमानदीतीरं पापुणि, जा. अनोमबुद्धिपुत्त पु. तत्पु. स., सर्वोत्कृष्ट अथवा परिपूर्ण अट्ठ. 1.74; अड्वरत्तसमये छन्नसहायोव कण्टकमारुय्ह प्रज्ञा वाले बुद्ध का पुत्र अथवा पुत्रस्थानीय - न निक्खमित्वा अनोमानदीतीरे पब्बजित्वा, जा. अट्ठ. 4.1083; सम्मासम्बुद्धपुत्तोति मंधारेहि, ... न अनोमबुद्धिपुत्तो, ... में अनोमानदीतीरे खग्गेन केसे छिन्दित्वा, सु. नि. अट्ठ. धारेही ति ... सिक्खापच्चक्खानं होति, पारा. अट्ठ. 1.202. 2.100; - टि. इसी नदी को पार कर राजकुमार सिद्धार्थ अनोममानी त्रि., स्वयं को परिपूर्ण एवं अद्वितीय मान कर ने राजकीय वेश एवं अलङ्कारों आदि सारथि छन्न को सौंप अभिमान करने वाला - परिपुण्णमानीति परिपुण्णमानी दिए थे तथा उससे एवं कन्थक-नामक अश्व से अन्तिम समत्तमानी अनोममानीतिमानेन मत्तो परिपुण्णमानी, महानि. विदा ली थी. 219. अनोरपार त्रि., ब. स., शा. अ. वह, जिसका इस ओर का अनोमवण्ण त्रि., ब. स. [अनवमवर्ण], अत्यन्त उत्तम स्वरूप तट तथा पार दिखलाई न पड़े, बिना ओर छोर वाला, या आकृति वाला, अत्यधिक सुन्दर - आजञ्जमारुरह असीम, अनन्त - पुन चपरं महाराज, महासमुद्दो महन्तो अनोमवण्णो, पक्कामि वेहायसमन्तलिक्खेति, जा. अट्ठ. अनोरपारो, मि. प. 292. For Private and Personal Use Only
SR No.020528
Book TitlePali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Panth and Others
PublisherNav Nalanda Mahavihar
Publication Year2007
Total Pages761
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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