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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनुविचार 293 अनुविज्झति/अनुविज्जति [अनुविचारयन्ति], इधर-उधर या चारों तरफ विचरण कराते दिवसे अनुविच्च निन्दकारणं वा पसंसकारणं वा जानित्वा हैं - महामोग्गल्लानं वेजयन्ते पासादे अनुचङ्कमापेन्ति पसंसन्ति, ध, प. अट्ठ. 2.190; अनुविच्चापि मं विघ्र गरहेय्यु अनुविचरापेन्ति, म. नि. 1.322; - रित त्रि., भू. क. कृ., पाणातिपातपच्चया, म. नि. 2.25; अनुविच्चापि में विज्ञ वह, जिस पर अच्छी तरह से अनुचिन्तन किया गया हो, गरहेय्युन्ति एवरूपे नाम सासने पब्बजित्वा पाणातिपातमत्ततोपि वह, जिसकी पूरी तरह परीक्षा कर ली गयी हो- दिट्ट सुत्तं ओरमितुं, म. नि. अट्ठ. (म.प.) 2.29; - कार पु., अच्छी मुतं विज्ञातं पत्तं परियेसितं अनुविचरितं मनसा, दी. नि. 3. तरह सोच विचार कर या पूर्ण छानबीन कर किया गया 100; अनुविचरितं मनसाति चित्तेन अनुसञ्चरितं, दी. नि. काम, सुचिन्तित कृत्य - अनुविच्चकारं खो, गहपति, करोहि, अट्ठ. 3.88; वीमंसानुचरितन्ति ताय वुत्तप्पकाराय वीमंसाय ___ अनुविच्चकारो तुम्हादिसानं आतमनुस्सानं साधु होती ति. म. अनुचरितं, दी. नि. अट्ठ. 1.92; अनुविचरितन्ति वीमंसाय नि. 248; अनुविच्चकारन्ति अनुविचारेत्वा चिन्तेत्वा तुलयित्वा अनुपवत्तितं, वीमंसानुगतेन वा विचारेन अनुमज्जितं, लीन. कातळ करोहीति वुत्तं होति, म. नि. अठ्ठ. (म.प.) 2.64. (दी.नि.टी.) 1.129. अनुविज्जा स्त्री., अनुविज्झति से व्यु., क्रि. ना., परीक्षण, अनुविचार पु., [अनुविचार], पुनः-पुनः अनुचिन्तन, बारम्बार जांच-पड़ताल, विचारण - चोदना अनुविज्जा च, आदि किया गया अनुप्रेक्षण, चिन्तनप्रक्रिया की निरन्तरता - ... मूलेनुपोसथो, गति चोदनकण्डम्हि, सासनं पतिट्ठापयन्ति, चारो विचारो अनुविचारो उपविचारो चित्तस्स अनुसन्धनता परि. 310. अनुपेक्खनता .... ध. स. 22; अनुगन्वा विचरणवसेन अनुविज्जापेत्वा अनु + विध के प्रेर. का पू. का. कृ., अनुविचारो, ध. स. अट्ठ. 188.. जांच-पड़ताल या छानबीन करा कर - अथरस पुत्तो पितरं अनुविचारापेत्वा अनु + वि + Vचर के प्रेर. का पू. का. कृ., दङकामो गतहानं अजानन्तो अनुविज्जापेत्वा .... जा. अट्ठ. अनुविचरण अथवा लगातार चिन्तन हेतु प्रेरित कर - 5.157; पाठा. अनुविचारापेत्वा. अत्थस्स पुत्तो ... अजानन्तो अनुविचारापेत्वा असुकट्ठाने अनुविज्जोतते अनु + वि + जुत के आत्मने, का प्र. पु., नाम वसतीति अत्वा ..., जा. अट्ठ. 5.157. ए. व. [अनुविद्योतते], किसी के अगल-बगल में प्रकाश अनुविचारेति अनुविचार के ना. धा. का वर्त, प्र. पु., ए. व.. बिखेर रही है या चमक रही है - रुक्खं अनु विज्जोतते विचार करता है, सूक्ष्म परीक्षण करता है, अनुचिन्तन करता विज्जु, सद्द. 3.883. है - भिक्खु बहुलमनुवितक्कोति अनुविचारेति, तथा तथा अनुविज्झक/अनुविज्जक पु., दोषारोपण करने वाले नति होति चेतसो, म. नि. 1.164. (चोदक) एवं आरोपित भिक्षु से प्रश्नकर्ता या परीक्षक के रूप अनुविचिन्तित त्रि., अनु + वि + चिन्त का भू. क. कृ., में भिक्षुसंघ द्वारा चुना गया भिक्षु, दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थ वह, जिसका अनुचिन्तन अथवा परीक्षण कर लिया गया है, की भूमिका को ग्रहण करने वाला भिक्षु - मा खो पटिघं सुपरीक्षित - पुरिसा ते महाराज, मनसानुविचिन्तिता, जा. जनयि, सचे अनुविज्जको तुवं, परि. 302; सचे अनुविज्जको अट्ठ. 4.203; अनुविचिन्तिताति नालं इमे मं दुक्खा मोचेतुन्ति तुवन्ति सचे त्वं सङ्घमज्झे ओतिण्णं अधिकरणं विनिच्छित मया आता, जा. अट्ठ. 4.203. निसिन्नो विनयधरो, परि. अट्ठ 202; अनुविज्जकेन चोदको अनुविचिन्तेत्वा अनु + वि + चिन्त का पू. का. कृ., ध्यान पुच्छितब्बो, परि. 305; - किच्चवण्णना स्त्री., तत्पु. स., में चढ़ाकर, अनुचिन्तन कर - एको रहो अनुविचिन्तेत्वा, वि. पि. परि. के चोदनाकाण्ड के प्रथम खण्ड का शीर्षक, दी. नि. 2.150. परि. अट्ठ. 205. अनुविच्च व्यु., संदिग्ध, संभवतः अनु + विद के पू. का. अनुविज्झति/अनुविज्जति अनु + Vविध का वर्त., प्र. पु., कृ., अनुविज्ज का ही अनु + Vइ के पू. का. कृ. अन्विच्च ए. व. [अनुविध्यति], शा. अ. पीछे या बाद में बेधता या के अप. अनुविच्च के मिथ्यासादृश्य पर निर्मित शब्द छेदता है, आगे चल कर दुखाता है या सालता है, ताना [अनुविद्य], अच्छी तरह जान कर, भली भांति परीक्षण कर, मारता है या खिल्ली उड़ाता है, ला. अ. परीक्षण अथवा ठीक से नाप-जोख कर - अनुविच्च पपञ्चनामरूपं, अज्झतं खोजबीन करता है, विचार करता है, गहराई तक जाकर बहिद्धा च रोगमूलं, सु. नि. 53; यं चे विजू पसंसन्ति, जांचता है; - न्ति वर्तः, प्र. पु., ब. व. - महोसध अतीतेन, अनुविच्च सुवे सुवे, ध. प. 229; यं पन पण्डिता दिवसे नानुविज्झन्ति पण्डिता, जा. अट्ठ. 6.266; नानुविज्झन्तीति For Private and Personal Use Only
SR No.020528
Book TitlePali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Panth and Others
PublisherNav Nalanda Mahavihar
Publication Year2007
Total Pages761
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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