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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra अनिपुण जीविकं कप्पेन्तो अनिपकवृत्ति नाम होति, न पञ्ञाय ठत्वा जीविक कप्पेति म. नि. अड. (म.प.) 24. अनिपुण त्रि. निपुण का निषे, तत्पु. स. [ अनिपुण ]. क. वह, जो निपुण अथवा चतुर नहीं है, अकुशल अनिपुणोपेतं सुत्वा अत्तमनो भवेय्य, मि. प. 225 ख. अश्लील, स्थूल, क्षुद्र - थूलञ्च असुखुगं, अनिपुणन्ति... पारा. अड. dee www.kobatirth.org 1.170. अनिष्पत्ति स्त्री, निष्पत्ति का निषे, तत्पु, स. [ अनिष्पत्ति ]. काम का अनिष्पादन, अनुष्ठान का पूरा न होना अम्म तय करोन्तिया अनिप्फत्ति नाम नत्थि, जा० अट्ठ. 1.436, तुल, अनिष्फादन अनिफन्न त्रि. निफन्न का निषे, तत्पु. स. [ अनिष्पन्न ], 1. व्याकरण के विशेष सन्दर्भ में अव्युत्पन्न, वह शब्द, जिसका उद्भव व्युत्पत्ति द्वारा न बतलाया जा सके धातुचिन्ताय ये मुत्ता अनिष्फन्नाति ते मता, सद्द 2.586; 2. अभिधर्म के सन्दर्भ में हेतुओं एवं प्रत्ययों से अनुत्पन्न अनिप्फन्ना दस चेति, अभि. ध. स. 43: ... विना विसुं पच्चयेहि अनिब्बत्तत्ता इमे अनिप्फन्ना.... अभि. ध. वि. टी. 180; - टि. रूप के विभाजन में चार महाभूत, पांच प्रसादरूप, चार गोचररूप, दो प्रकार के भावरूप, एक प्रकार का हृदयरूप, एक प्रकार का आहाररूप, तथा एक प्रकार का जीवितेन्द्रियये अट्ठारह प्रकार के रूप निप्फन्नरूप कहलाते हैं क्योंकि इनकी उत्पत्ति कर्म, चित्त, ऋतु एवं आहार इन चार हेतुओं में से किसी एक अथवा अनेक - से होती है. परन्तु आकाश, दो प्रकार के विज्ञप्तिरूप, तीन प्रकार के विकार और चार प्रकार के लक्षणरूप- ये दस प्रकार के रूप इन चार कारणों से उत्पन्न न होने से अनिष्फन्न रूप कहलाते हैं. Bara अनिष्फल त्रि, निष्फल का निषे, तत्पु० स० [ अनिष्फल ], वह जो फलरहित न हो, वह जो सार्थक अथवा फलदायी हो उपासिकायो अनिष्फला कालङ्कता, उदा. 163: थ. प. अड. 1. 127; अनिष्फलाति न निष्फला, सम्पत्तसामञ्ञफला एव.. उदा. अट्ठ. 312; दायका च अनिप्फला, पे. व. 11. अनिष्काद पु. निष्काद का निषे, तत्पु, स. [ अनिष्पाद]. कार्यान्वयन का अभाव, काम का पूरा न होना अनिष्फादाय सहेय्य धीरो, जा० अट्ठ 6.211. अनिबद्ध / अनिबन्ध त्रि. निबद्ध / निबन्ध का निषे, तत्पु, स० [ अनिबद्ध / अनिर्बन्ध], क. अनिर्धारित, अनिश्चित, अनिर्णीत- जयपराजयोपि अनिबद्धो ... जा. अट्ठ. 1.419; - 226 अनिब्बत्तित भगवतो गोचरगामो अनिबन्ध, म. नि. अड्ड. (म.प.) 1 (2). 144; ख. अस्थायी, क्षणभङ्गुर, अनित्य- पुथुज्जनिधि नाम चला अनिबद्धा म. नि. अड्ड. (म.प.) 2.174 - चारिका स्त्री, कर्म, स. किसी निश्चित उद्देश्य के लिए न किया जा रहा भ्रमण तत्य यं गामनिगमनगरपटिपाटिक्सेन चरति, अयं अनिबद्धचारिका नाम दी. नि. अ. 1.197 - वास त्रि०, ब० स०, अनिश्चित आवास वाला वीसति वस्सानि अनिबद्धवासो हुत्वा अ. नि. अड्ड 2.30 - सयन त्रि. ब. स. वह जिसके पास सुनिश्चित शय्या अथवा सोने का स्थान न हो योगिना योगावचरेन अनिबद्धसयनेन भवितब्ब, मि. प. 368. अनिबन्धनीय त्रि. निबंधनीय का निषे, तत्पु, स. [ अनिबन्धनीय], नहीं सटने अथवा चिपक जाने योग्य, बांध कर न रखे जाने योग्य सेतवण्णो अनिबन्धनीयो होति चूळय 277. अनिब्बचनीय त्रि निब्बचनीय का निषे, तत्पु. स. [ अनिर्वचनीय], वह जिसकी व्याख्या शब्दों द्वारा अथवा बुद्धि द्वारा न की जा सके, अव्याख्येय, अनुभवगम्य प्रत्यात्मवेध (निर्वाण के विशेष सन्दर्भ में प्रयुक्त) त नपुं. भाव अव्याख्येयता अनिब्बचनीयत्ता वीच्छासद्दानं, सद्द. 1.285. अनिब्बत्त त्रि. निब्बत्त का निषे, तत्पु, स. [ अनिर्वृत्त], अभी तक अनुत्पन्न, वह, जो वर्तमान क्षण तक उदित अथवा उत्पन्न नहीं हुआ है, अप्रादुर्भूत, अजात ये धम्मा अजाता अभूता ... अनिब्बत्ता ... इमे धम्मा अनुप्पन्ना, ध. स. 1042; अनिब्बत्तेन न जातो, पच्चुप्यन्नेन जीवति महानि. 30 अनिब्बत्तेन ... ति अजातेन अपातुभूतेन अनागतक्खन्धेन न जातो न निब्बत्तो, महानि. अट्ठ 119; फल त्रि०, ब० स०, वह जिसका फल वर्तमान क्षण तक उत्पन्न नहीं हुआ है यानिमानि रुक्खानि अनिब्बतफलानि, मि. प. 78. अनिब्बत्तन नपुं, निब्बत्तन का निषे, तत्पु. स. [अनिर्वर्तन]. अप्रादुर्भाव, अनुत्पत्ति, अप्राकटीभाव, उदय का अभाव, असम्पादन अञ्ञस्स अत्तभावस्स अनिब्बत्तनेन, सु. नि. अट्ठ. 1.94. अनिब्बत्ती / अनिवत्ति त्रि निब्बत्ती का निषे तत्पु. स. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private and Personal Use Only - " [ अनिर्वर्तिन् ] पुनः वापस लौटकर न आने वाला, पुनर्जन्म ग्रहण न करने वाला, पुनर्भाव प्राप्त न करने वाला अनिब्बत्ती ततो अस्सं जा. अट्ठ. 7.352; पाठा. अनिवत्ति अनिब्बत्तित त्रि, निब्बत्तित का निषे, तत्पु० स० [ अनिर्वर्तित]. अनुत्पादित, वह जिसे प्रादुर्भूत न किया गया हो; अकृत - अकतेनाति अनिब्बतितेन अत्तना अनुपचितेन, पे. व. अड. 131.
SR No.020528
Book TitlePali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Panth and Others
PublisherNav Nalanda Mahavihar
Publication Year2007
Total Pages761
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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