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अनिच्चल-बुद्धि 223
अनिट्ठ ... तदनुविलेपनेन उच्छादनधम्मो ... खुद्दकसम्बाहनेन ... पूर्णता की स्थिति को अप्राप्त - हस्सं अनिज्झानक्खमं परिमद्दनधम्मो ... भिज्जति चेव विकिरति च, एवं सभावोति, अतच्छ, जा. अट्ठ. 7.53; पण्डितानं न निज्झानक्खमं ..., दी. नि. अट्ट. 1.178; = म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(2).34. जा. अट्ठ. 7.55. अनिच्चल-बुद्धि त्रि., निच्चलबुद्धि का निषे०, ब. स. अनिञ्जन नपुं., निषे., तत्पु. स. [बौ. सं. अनिञ्जन], [अनिश्चलबुद्धि], चञ्चल अथवा अस्थिर बुद्धि वाला - अचल, अचलन, अकम्पन, निश्चल अथवा स्थिर - .... हरितब्बपञस्स अनिच्चलबुद्धिनो, जा. अट्ठ. 4.387; आनेञ्जप्पत्तं सयं अनिञ्जनद्वेन आनेञ्जन्ति वुच्चति, उदा. पाठा. निच्चं चलबुद्धिनो.
अट्ठ. 150; इदं चतुत्थज्झानं अनिञ्जनं अचलनं निष्फन्दनन्ति अनिच्छ त्रि., ब. स. [अनिच्छ], इच्छाओं से रहित, तृष्णा वदामि, म. नि. अट्ट (म.प.) 2.122; - प्पत्त त्रि., [बौ. सं. विरहित, कामनाओं से मुक्त - सदा इच्छाय निच्छातो, अनिञ्जनप्राप्त]. अचल-भाव को प्राप्त, न चलने योग्य - अनिच्छो होति निब्बुतो, सु. नि. 712; अनिच्छा पिण्डमेसना, आनेजप्पत्तं सयं अनिञ्जनद्वेन आनेञ्जन्ति वच्चति, उदा. अनिच्छा सयनासन, स. नि. 1(1).75; अनिच्छाति नित्तण्हा अट्ठ. 150, पाठा. आनेञ्जप्पत्त. हुत्वा, स. नि. अट्ठ. 1.104; - त्त नपुं., भाव., [-त्व], अनिञ्जित त्रि., इञ्जित का निषे०, तत्पु. [अनिञ्जित], क. तृष्णाविहीनता, इच्छामुक्त स्थिति- ... अनिच्छत्ता च निच्छातो। शान्त, अविचलित, अप्रभावित - नाहं सीतेन विहञिस्सं. होति अनातुरो ..., सु. नि. अट्ठ. 2.193.
अनिञ्जितो विहरन्तो, थेरगा. 386; चित्तस्स इञ्जितकारणानं अनिच्छनभाव पु., निषे., तत्पु. स. [अनिच्छा]. इच्छा का ब्यापादादीनं सुप्पहीनत्ता पच्चय्युप्पन्निञ्जनाय च अभावतो, अभाव, तृष्णा का न होना - ... अनिच्छनभावं मम परे न थेरगा. अट्ठ. 2.76; ख. नपुं., चतुर्थ ध्यान की शान्त अवस्था जानन्ति .... जा. अट्ठ. 4.29.
- इदम्पि खो अहं, उदायि, अनिजितस्मिं वदामि. म. नि. अनिच्छय पु., निच्छय का निषे., तत्पु. स. [अनिश्चय]. 2.127; पाठा. इञ्जितस्मिं; चतुत्थज्झानं अनिञ्जनं अचलनं निश्चय का अभाव, अनिर्णय, ऊहापोह भरी मनःस्थिति, निफन्दनन्ति वदामि, म. नि. अट्ठ. (म.प.) 2.122. अनिश्चितता; - पच्चु पट्ठान त्रि., तत्पु. स. अनिट्ठ त्रि., इट्ठ का निषे., तत्पु. स. [अनिष्ट], वह, जो मन [अनिश्चयप्रत्युपस्थान], अनिश्चितता को उपस्थित या द्वारा इच्छित नहीं है, अवाञ्छित, अप्रार्थित, अप्रिय - अथो उत्पन्न करने वाली विचिकित्सा या सन्देह - सा संसयलक्खणा इवे अनिद्वे च ..., सु. नि. 155; यं मनोदुच्चरितस्स अनिट्ठो ... अनिच्छयपच्चुपट्टाना, ध. स. अट्ठ. 298; विसुद्धि. 2.98. अकन्तो अमनापो विपाको .... म. नि. 3.112; तं परे अनिच्छा स्त्री., इच्छा का निषे., तत्पु. स. [अनिच्छा], क. अनिद्वेन अकन्तेन अमनापेन समुदाचरन्ति, अ. नि. इच्छा का अभाव, अलोभ - उपेक्खा धुरसमाधि, अनिच्छा। 1(2).243; अनिट्ठन्ति अप्पियं, पटिलाभत्थाय वा अपरियेसितं. परिवारणं. स. नि. 3(1).6; ... अलोभसङ्घाता अनिच्छा .... विभ. अट्ट,8; - द्वाभिमत त्रि., कर्म. स. [अनिष्टाभिमत]. स. नि. अट्ठ. 3.1583; ख. हिचकिचाहट, अरुचि, विमुखता अनिष्ट अथवा अप्रिय रूप में माना गया, वह, जिसे अभीष्ट -सचे अहं दानं ददमानो विपाकं असद्दहित्वा अत्तनो अनिच्छाय नहीं माना गया हो-... एकच्चस्स अनिट्ठाभिमतो, एकच्चस्स दम्मि .... जा. अट्ठ. 4.29.
इट्ठो, उदा. अट्ठ. 163; - गन्ध पु., कर्म. स. अनिच्छित त्रि., इच्छित का निषे.. तत्पु. स. [अनिच्छित], [अनिष्टगन्ध], अप्रिय गन्ध, दुर्गन्ध - दुग्गन्धोति न चाहा हुआ, अनचाहा, अवाञ्छित, अप्रीतिकर, अप्रार्थित- अनिट्ठगन्धो, ध. स. अट्ठ. 352; - निमित्त नपुं.. कर्म. स. एवं सेय्यं अलभित्वा अनिच्छितं परित्तकमेव कालं सेय्यं [अनिष्टनिमित्त], अनिच्छित अथवा अप्रिय चिहन, अपशकुन लभति, ध. प. अट्ठ.2.275; यथा अनिच्छितं न गच्छति, एवं - अनिट्ठनिमित्तानि अतिधोरानि, सद्धम्मो. 285; - फल त्रि., आवरणतो आवरणं, दी. नि. अट्ठ. 2.99.
ब. स., अनिच्छित अथवा मन को प्रतिकूल फल देने वाला अनिज्झत्तिबल त्रि.. ब. स. [बौ. सं. अनिध्यप्तिबल], मनवाने - कटुकप्फलानीति अनिट्ठफलानि पापकम्मानि..., पे. व. में अक्षम, सन्तुष्टि देने में असमर्थ, शान्त कराने में अक्षम अट्ठ. 51; - फस्स पु.. कर्म. स. [अनिष्टस्पर्श], अप्रिय - ते असञ्जत्तिबला, अनिज्झत्तिबला ..., अ. नि. 1(1).90. स्पर्श, अनिच्छित अनुभव - ... तथेव धीरो इद्वानिट्ठफस्स अनिज्झानखम त्रि.. निषे., तत्पु. स. [अनिध्यानक्षम]. सूक्ष्म फुट्ठो होति, थेरगा. अट्ठ. 2.252; - रस नपुं., कर्म. स., परीक्षा में खरा न उतरने योग्य, परीक्षण किये जाने पर अनिच्छित स्वाद, पसन्द में न आने वाला स्वाद - असादति
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