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अधिमोक्ख
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अधिवचन अधिमोक्ख पु., अधि + 'मुच् से व्यु. [अधिमोक्ष], पक्का अधिरोहति अधि + रुह का वर्तः, प्र. पु., ए. व. विश्वास, सुदृढ़ धारणा, संकल्प, निर्णय - अधिमोक्खो तु [अधिरोहति]. आरोहण करता या ऊपर चढ़ता है, सवार निच्छयो, अभि. प. 159, निच्छये अधिमोक्खो ..., सद्द होता है - उपरिभावे अधिरोहति, सद्द. 3.882... 3.882, अधिमुच्चनं अधिमोक्खो, विसुद्धि. 2.93; विचिकिच्छाय अधिवचन नपं. [अधिवचन], नाम, उपाधि, क. एक धर्मअभावेन पन एत्थ अधिमोक्खो उप्पज्जति, विसुद्धि. 2.99; पर्याय का नाम - तस्मा इमस्स धम्मपरियायरस पारायनन्तेव अभि. अव. 28, स. उ. प. में अलद्धा., लद्धा के अन्त. अधिवचनं, सु. नि. पृ. 246; तस्मा इमस्स वेय्याकरणस्स द्रष्ट; -किच्च नपुं., [बौ. सं. अधिमोक्षकृत्य], अधिमोक्ष । सम्पसादनीयं त्वेव अधिवचनन्ति, दी. नि. 3.86; ख. व्युत्पत्तिया सुदृढ़ विश्वास के लिये आवश्यक कृत्य, दृढ़ विश्वास परक निर्वचन से रहित शब्द-विशेष - एत्तावत्ता अधिवचनपथो से भरा काम - अथ नेव सद्धिन्द्रियं अधिमोक्खकिच्चं कातं ....., दी. नि. 2.49; सिरिबड्डको ... आदयो हि वचनमत्तमेव सक्कोति, म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(1).301; - चरिया स्त्री., अधिकारं कत्वा पवत्ता अधिवचना नाम, ध. स. अट्ठ. 98; ग. तत्पु. स. [बौ. सं. अधिमोक्षचर्या], सुदृढ़-विश्वास से भरा प्रतीकात्मक अथवा रूपकात्मक नाम, प्रतीकात्मक अथवा आचरण अथवा चर्या - अधिमोक्खचरियाय वेसारज्जं .... आलङ्कारिक नाम - सुखस्सेतं ... अधिवचनं ... यदिदं पटि. म. 197; - बहुलता स्त्री., भाव., सुदृढ़-विश्वास से पुआनि, इतिवु. 12; रागस्सेतं अधिवचनं रजोति, जा. अट्ठ. भरपूर होने की दशा - अपिच छ धम्मा विचिकिच्छाय 1.124; पापकानं ... अकुसलानं ... अधिवचनं, यदिदं पहानाय संवत्तन्ति बहुस्सुतता ... अधिमोक्खबहुलता, म. अङ्गण न्ति, म. नि. 1.33; घ. सर्वाधिक उपयुक्त पर्यायवाचक नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(1).296; - मण्ड पु., अधिमोक्ष का सार- शब्द - वीरियस्सेतं अधिवचनं. उदा. अट्ठ. 248; अम्बुचारी, तत्त्व, श्रद्धा-इन्द्रिय - अधिमोक्खमण्डो सद्धिन्द्रियं पटि. म. मच्छस्सेतं अधिवचनं. सु. नि. अट्ठ. 1.91; मुनातीति मनो, 268; - मनसिकार पु.. व. स., अधिमोक्ष एवं मनसिकार चित्तरसेतं अधिवचनं, सु. नि. अट्ठ. 1.116; स. उ. प. के - अधिमोक्खमनसिकारा द्वे येवापनका .... विसुद्धि. 2.99; रूप में द्रष्ट., अनुक्कण्ठिताधि०, खन्धाधिः, गारवाधि., अभि. अव. 28; - लक्खण त्रि., ब. स. [अधिमोक्षलक्षण]. अतीताधि., कुसलाधि. के अन्त., तुल. अधिवुत्ति, अधिमुत्ति, अधिमोक्ष के विशिष्ट लक्षणों वाला - अधिमोक्खलक्षणे विप. वेवचन; - दुक नपुं.. [अधिवचनद्विक], अधिवचनों इन्द8 कारेतीति, ध, स. अट्ठ. 189; उदा. अट्ठ. 248; - अथवा पर्यायों का युग्म दुक्का, द्विकमातिका में अधिवचन सद्धा स्त्री., सुदृढ़ श्रद्धा - ... अधिमोक्खसद्धा बलवत्तरा का उल्लेख - अधिवचनदुकादयो तयो अत्थतो निन्नानाकरणा निबत्तति, विसुद्धि. 2.306; - सम्पसाद पु., अधिमोक्ष में ...., ध. स. अट्ठ. 98; - पथ पु.. [अधिवचनपथ], उक्ति प्राप्त प्रसन्नता या सन्तोष - दुविधो सम्पसादो, अथवा कथन के प्रकार, अभिव्यक्ति की विधाएं, वचन-प्रकार अधिमोक्खसम्पसादो च पटिलाभसम्पसादो च, म. नि. अट्ट. - एत्तावता अधिवचनपथो, दी. नि. 2.49; तयो ... मे, (उप.प.) 3.39; - सम्भव पु., अधिमोक्ष का स्वभाव, निरुत्तिपथा अधिवचनपथा पञ्जत्तिपथा, स. नि. 2(1).66%; अधिमोक्ष का उदय अथवा उत्पत्ति - अधिमोक्खसम्भवतो सब्बेव धम्मा अधिवचनपथा निरुत्तिपथपञ्जत्तिपथा, ध. स. समाधि बलवा होति, अभि. अव. 283; पाठा. अधिमोक्खसंभाव, अट्ठ. 13-16; तुल. ध. स. अट्ठ. 413; व्याख्या के लिए अधिमोक्खसम्भाव.
द्रष्ट. ध. स. अट्ठ. 98; - पद नपुं.. [अधिवचनपद], कथन अधिमोचेहि अधि + vमुच के प्रेर., अनु., म. पु., ए. व., क. वाले पद, अभिव्यक्ति-प्रकाशक शब्द - अधिमुत्तिपदानीति अन्य को किसी उद्देश्य-विशेष में पूरी तरह से लगवा अधिवचनपदानि, दी. नि. अट्ट, 1.90; अधिवचनपदानीति दो, रखवा दो या स्थापित करा दो - चित्तं अधिमोचेही, पञत्तिपदानि. लीन. (दी.नि.टी.) 1.125; समाना. स. नि. 3(2).472; अधिमोचेहीति ठपहि, स. नि. अट्ठ. अधिमुत्तिपद; - सम्फस्स पु., नाम अथवा वचन-प्रकार के 3.321.
साथ सम्पर्क, संस्पर्श का एक प्रभेद-विशेष - तेसु निमित्तेसु अधिरोह त्रि., स. उ. प. के रूप में ही प्रयुक्त [अधिरोह], ... असति अपि नु खो रूपकाये अधिवचनसम्फस्सो चढ़ाई - गिरिसिखरं दुरधिरोह, मि. प. 294.
पञआयेथा ति, दी. नि. 2.48; फस्सो ति चक्खुसम्फस्सो अधिरोहणी स्त्री., सीढ़ी, नसेनी - सोपानो वारोहणं च ... अधिवचनसम्फस्सो ..., महानि. 37; - सम्फस्सज त्रि., निस्सेणी साधिरोहणी, अभि. प. 216.
अधिवचन अथवा नामप्रयोग के व्यवहार से उत्पन्न सूक्ष्म
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