________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
औसवाल हात समय निर्णय. (५) (८) खरतर यति श्रीपालजीने जैन संप्रदाय शिक्षा नामक . ग्रन्थ में ओसवालों का इतिहास लिखते समय लिखा है कि बीरात् ७० वर्षे आचार्य रत्नप्रभसूरिने उकेश नगरी में ओसवाल वंस के १८ गोत्रों कि स्थापना की।
(९) खरतराचार्य चिदानंद स्वामिने स्यावादानुभव रत्नाकर नामक ग्रन्थ में लिखा है कि वीरात् ७० वर्षे प्राचार्य रत्नप्रभसूरिने ओसवाल बनाये।
(१०) जैन मतपताका नामक ग्रन्थ में वि. न्या. शान्तिविजयजीने जैन इतिहास लिखते हुवे लिखा है कि वीरात् ७० वर्षे प्राचार्य रत्नप्रभसूरिने उकेस वंस की स्थापना की.
(११) खरतर यति रामलालजीने महाजन वंस मुक्तावलि में लिखा है कि वीरात् ७० वर्षे प्राचार्य रत्नप्रभसूरिने ओसवाल बनाये.
(१२) जैन इतिहास (भावनगर से प्र०) में लिखा है कि वीरात् ७० वर्षे प्राचार्य रत्नप्रभसूरिने ओसवाल ज्ञाति की स्थापना की।
(१३) श्रीमाली वाणिया ज्ञाति भेद नामक किताब में प्रो० मणिलाल बकारभाइने लिखा है कि विक्रम पूर्व ४०० वर्ष उएस -उकेश वंस कि स्थापना आचार्य रत्नप्रभसूरिद्वारा हुई है इस पंडितजीने तो बहुत प्रमाणोंसे यह सिद्ध कर दिया है कि उकेशपुर कि स्थापना ही श्रीमाल नगर से हुई है ।
For Private and Personal Use Only