SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 410
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 381 4. अमेटिया गौड़ (राजाकान्हदेव के वंशजअमेठिया गौड़ कहलाए, क्योंकि वे अमेठी, लखनड और सीतापुर में बसते हैं।) 5. अजमेर के गौड़- (नार की तीसरी पीढ़ी में हरदेव हुए। इन्हें अजमेर की जागीर दी इसलिये इन्हें अजमेर गौड़ कहा जाता है।) 6. वैद गौड़ 7. सुकेत गौड़ (सुकैत हिमाचल में बसने के कारण) इसके अतिरिक्त पीपरिया गौड़ (बुन्देलखण्ड में) हुटेड, शालियाना, दुहाण और बोड़ाणा आदि अन्य शाखाएं हैं। गौड़ (राजपूतों) से निसृत ओसवंश के गोत्र गोठी छजलाणी रांका बांका सेठिया (सेठी/रांका-बांका) गौड़ (राजपूतों) से निसृत ओसवंश के गोत्र (तालिका रूप में) गोत्र संवत आचार्य गच्छ स्थान पूर्वपुरुष 1. रांका बांका 1185 जिनदत्तसूरि खरतर पाली के पास टांकावत 2. पीच्छोलिया 1204 देवगुप्तसूरि उपकेश पाल्हणपुर . 3. छजालानी/घोड़ावत - जयप्रभसूरि रुद्रपल्लीगच्छ जावलनगर राजा रावत वीरसिंह छाजू के वंशज छजलानी 4. घोड़ावत . . . नागौर शेरसिंह 5. गोठी 1152 जिनदत्तसूरि खरतर अनहिलपट्टन गौड़ी 6. सेठी (रांका की संतानें) - जिनवल्लभसूरि खरतर . काक 7. सेठिया (बांका की संतानें - जिनवल्लभसूरि खरतर पाली के पास गांव बांका दहिया राजपूतों से निसृत ओसवंश के गोत्र दहिया ___ यह वंश महर्षि दधीचि की संतान है। शिलालेखों, ताम्रपत्रों और प्राचीन ग्रंथों में दाहिया के स्थान पर दधिचिक, दहियक, दयिक, दधिचि आदि शब्दों का उल्लेख मिलता है। प्रसिद्ध इतिहासकार मुहणौत नैणसी के अनुसार दहियाराज्य भिन्न भिन्न शताब्दियों में परबतसर, मारोठ, घुटियात, साबर, हरसौर (जोधपुर राज्य), नैणवा (बूंदी राज्य), जांगलु (बीकानेर राज्य), जालौर, सांचोर (मारवाड़) और देरावरगढ में रहा। For Private and Personal Use Only
SR No.020517
Book TitleOsvansh Udbhav Aur Vikas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavirmal Lodha
PublisherLodha Bandhu Prakashan
Publication Year2000
Total Pages482
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy