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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 367 कछवाहों (राजपूतों) से निसृत ओसवंश के गोत्र 1. नौलखा/नवलखा 2. भूतोड़िया/भूतोड़िया कछवाहा (राजपूतों) से निसृत ओसवंश के गोत्र (तालिका रूप में) गोत्र संवत आचार्य गच्छ स्थान पूर्वपुरुष नवलखा तपागच्छ - - भूतोड़िया . . तपागच्छ भूतिग्राम - शिशोदिया राजपूतों से निसृत गोत्र गोहिल गहलोत वंश गहलोत वंश की उत्पत्ति के बारे में अनेक विसंगतियां है। अबुलफजल ने इस वंश को ईरान के बादशाह आदिलशाह नौशेरखा की संतान माना है। उनका मानना है कि नौशेरखां का पुत्र नोशेजाद ईसाई धर्म को स्वीकार करके भारत आया था, उसी के वंश गुहिल या गहलोत हैं। कर्नल टाड तथा स्मिथ आदि ने भी इन्हें विदेशियों की संतान माना है। डॉ. भण्डारकर ने इन्हें नागरवंशीय ब्राह्मणों से उत्पन्न माना है। यह सब बातें कपोल कथित हैं। गोहिल/गहलोत विशुद्ध सूर्यवंशी क्षत्रिय हैं। इनके झण्डे और सिक्कों पर सूर्य का चिह्न अंकित हैं और सूर्याय: नमः' इसी मत को प्रमाणित करता है। यह वंश भगवान राम के पुत्र लव का वंश है। लव ने लाहौर पर राज्य किया था। उसके वंशज कनकसेन (विजयसेन) ने वल्लभी (गुजरात) में राज्य स्थापित किया। हूणों के आक्रमण से राजा शिलादित्य सन् 524 में वीरगति को प्राप्त हो गया और वल्लभी नष्ट हो गई। शिलादित्य की महारानी उस समय अम्बा भवानी की यात्रा को गई थी। उसे वल्लभी पतन की सूचना मिली, तो वह अरावली की एक गुफा में रहने लगी और वहाँ उसने एक पुत्र को जन्म दिया। उस पुत्र का नाम गुहादित्य रखा गया, क्योंकि वह गुहा में उत्पन्न हुआ। गुहा को महारानी ने एक नागरवंशीय ब्राह्मण को सौंपा। बड़े होकर गुहा ने ईडर में अपना राज्य स्थापित किया। उसके वंशजों में भोज, महेन्द्र, नाग, शील, और अपराजित हुए। इसीभूल से डॉ. भण्डारकर ने इन्हें नागरवंशीय ब्राह्मणों से उत्पन्न माना। कर्नल टाड के अनुसार इसकी 24 शाखाएं हैं अहाड़िया, मांगलिया, सिसोदिया, केलाना, गहारे, घोरणिया, गोध, मंगरीया, भोंसला, ककोटक, कोटेचा, पार-ऊहड, उसेना, निरूप, नादोड़या, नावोता, कुचेरा, दासोद, 1. राजपूत वंशावली, पृ 64 For Private and Personal Use Only
SR No.020517
Book TitleOsvansh Udbhav Aur Vikas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavirmal Lodha
PublisherLodha Bandhu Prakashan
Publication Year2000
Total Pages482
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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