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जगदीशसिंह गहलोत के अनुसार
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टेकहा, काना ।
जालोर के परमार
1. वाकपतिराज
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2. चांदना
3. देवराज
4. अपराजित
5. विज्जल
6. धारवर्षा
7. विसाला (1109, 1118 ई)
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भामल, सांखला, कणेता, जांगतवा, सोण, उभट, वराह, बरड़ कान्नया, गूगा, उज्जेनी,
मुहणौत नेणसी के अनुसार
पंवार, सांखला, भरमा, भामल, पेस, थाणमीवल, बहिया, वाहस, छाहड़, मोदशी, हुवंड - सीलोरा, जैपाल, कंगना, काना, ऊमट या उमत, धाधू, धूरिया, भाई, कछोड़िया, काला, कालमुहा, रवेदा, खूंटा, ढल, ढेसल, जागा, ढूढा, गेहलड़ा, कलीलिया, कूकण, पीथलिया,
डोडा ।
परमार राजपूतों से निसृत ओसवंशों के गोत्र
श्री भूतोड़िया ने निम्नांकित ओसवंश के गोत्रों को परमारों से उत्पन्न माना है
1. दूधोड़िया
2. गिड़िया
3. गांग/ गंग
4. पालावत
5. बरडिया
6. नाहर
7. बांठिया
10. कुवाड़
8. मल्लावत
11. ललवाणी
9. हरखावत
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12. बरमेचा/ब्रह्मेचा
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