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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 339 दायित्व निभाया।' डा. डी.आर. भण्डारकर प्रतिहारों की गूजर उत्पत्ति मानने के प्रबल समर्थक हैं। राजौर के शिलालेख में महेन्द्रदेव को गुर्जर प्रतिहार स्वीकार किया गया है। कन्नोज के प्रतिहार क्षत्रिय और इन्हें गुर्जर कहने का अभिप्राय है कि वे गुर्जर प्रदेश के थे। प्रतिहारों की एक शाखा सियादोनी (SIYADONI) के भी मिलते हैं इन राजाओं के नामों अंत में 'पाल' और राजा मिलता है। डा. डी.सी. सरकार ने इन राजाओं में हीराराजा (948 ई) पर प्रकाश डाला है। यह शाखा भी कन्नोज के प्रतिहारों से सम्बन्धित है। इसके अलावा ईडर के प्रतिहार भी मिलते हैं। इसमें भी प्रतिहार नाम वंशानुक्रम से हैं। इस शाखा के बारे में अभी भी खोज की आवश्यकता है। इस प्रकार यह निर्णय लिये जा सकते हैं। 1. प्रतिहार वह व्यावसायिक उपनाम है, जो राजशाही के दरबानों से जुड़ा है। 2. जालौर और कन्नोज के प्रतिहार गुर्जर प्रदेश से सम्बन्धित है, इसलिये गुर्जर प्रतिहार कहा जाता है। नवीं शताब्दी में इन्हें रघु परिवार के क्षत्रिय माना जाता था। 3. मण्डोर के प्रतिहार ब्राह्मण और क्षत्रिय दोनों थे । यह वंश लक्ष्मण से उत्पन्न न होकर ब्राह्मण हरिश्चन्द्र से उत्पन्न है। ___4. राजोर के गुर्जर प्रतिहार इन दोनों श्रेणियों के प्रतिहारों से भिन्न है। 5. इनके अतिरिक्त भी देश में कुछ प्रतिहार परिवार मिल सकते हैं। साम्राज्यवादी प्रतिहार साम्राज्यवादी प्रतिहारों को गुर्जर प्रतिहार कहा गया। इस मत की प्रस्थापना डा. दशरथ शर्मा ने की है। यही मत डा. डी.आर. भण्डारकर और डा. आर.सी. मजूमदार का है। ह्वेनचांग ने 22 देश माने जिसमें गुर्जर देश की राजधानी भिन्नमाल मानी, जिसका राजा क्षत्रिय था।' प्रतिहार काल (750-1018 ई) में रणहस्ती वत्सराज के काल में 778 ई में जालोर में लिखित ‘कुवलयमाला' के लेखक उद्योतनसूरि ने गुर्जर शब्द का प्रयोग किया है। इसके पश्चात् सोमदेव सूरि (959 ई) ने 'यशतिलक' चम्पू में दाक्षिण्य, तिरमुक्त, गौड़, उतरापथ और गुर्जर 1. Dr. Dasharath Sharma, Rajasthan through the ages, Page 159 2. Dr. B.N. Puri, Gurjar Pratihars page 14 The family of Mandore held in common with the Imperial Pratihars of Kanuj, the tradition that they were descended form Laksman, the brother of Rama, and both explained the origin of family named Pratihar to the same event viz that Lakshman served as the doorkeeper of Rama. 3. Dr. Dashrath Sharma, Rajasthan through the Ages, Page 481. 4. Dr. Dashrath Sharma, Rajasthan though the Ages, Page 109. In the Pratihar period (750-1018 A.D.) itself the earliest reference to the word Gurjara, is found in 'Kuvlayamala' of Udhotana Suri written at Jalore in 778 AD in an region of redoubtable Pratihar ruler, Ranhatin Vatsraja. For Private and Personal Use Only
SR No.020517
Book TitleOsvansh Udbhav Aur Vikas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavirmal Lodha
PublisherLodha Bandhu Prakashan
Publication Year2000
Total Pages482
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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