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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 1. प्रतिबोधकर्ता के आधार पर मानसूर और उनकी शिष्य परम्परा ने यह सराहनीय कार्य किया। इनकी शिष्य परम्परा में जिनेश्वर सूरि, जिनचंद्र सूरि, अभयदेव सूरि, जिनवल्लभ सूरि, जिनदत्त सूरि, मणिधर सूरि, जिनचन्द्र सूरि, जिनपति सूरि, जिनकुशल सूरि, जिनप्रभ सूरि, जिनभद्र सूरि, जिनचन्द्र सूरि, जिनकीर्ति सूरि आदि ने अनेक ओसवाल गोत्रों के उद्भव में योग दिया। इन आचार्यों ने जिन जिन गोत्रों के उद्भव में योग दिया, वे निम्नानुसार हैं । 1. वर्धमान सूरि- लोढ़ा, पीपाड़ा' 2. जिनेश्वर सूरि - श्रीपति, ढढ्ढा, तिलेरा, भणसाली (चील मेहता) 3. जिनचन्द्र सूरि- श्रीमाल 4. अभयदेव सूरि- खेतसी, पगारिया, मेड़तवाल 5. जिनवल्लभ सूरि- कांकरिया, चोपडा, गणधर चौपडा, कूकड, चोपडा, बडेर, सांड, सिंधी, बांठिया, ललवाणी, बरमेचा, हरखावत, मल्लावत, साह और सोलंकी । 6. जिनदत्त सूरि- पटवा, टांटिया, कोठारी, बोरड, खीमसरा, समदरिया, कटोतिया, रत्नपुरा, कटारिया, ललवाणी, डागा, मालू, भामू, सेठी, सेठिया, रांका, बाँका, धोका, राखेचा, सकलेचा, पुंगलिया, चोरडिया, सांबसुखा, गोलेच्छा, पारख, लूणिया, नाबरिया, सोनी, पीतलिया, बोहित्थरा (बोथरा) आयरिया, लूनावत, बापना, भंसाली, चण्डालिया, आवेडा, खटोल, भगतिया, पोकरणा । 7. मणिधारी जिनचन्द्र सूरि- आघडिया, छाजेड, भिन्नी, खजांची, मुंगडी, श्रीमाल, सालेचा, गांग, दूगड-सूगड, शेखाणी, आलावत, कोठारी, सालेचा बोहरा 8. जिनकुशल सूरि-, बाबेल, संघवी, जड़िया, डागा । 9. जिनप्रभसूरि- खण्डेलवाल जाति के लोगों को प्रतिबोध दिया। 10. जिनभद्र सूरि- आपने प्रतिबोध देकर नूतन जैन बनाये । 11. जिनचन्द्र सूरि - पहाल्या, पींचा 12. जिनहंस सूरि- गेलड़ा 13. जिनकुशल सूरि - डागा 14. मानदेव सूरि - नाहर 15. उद्योतन सूरि - बरडिया / दरडा, सिंघी (बलदोटा) 16. यशोभद्रसूरि भण्डारी 309 1. श्री मोहनराज भंसाली - ओसवाल वंश, अनुसंधार के आलोक में, पृ. 279-280 For Private and Personal Use Only
SR No.020517
Book TitleOsvansh Udbhav Aur Vikas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavirmal Lodha
PublisherLodha Bandhu Prakashan
Publication Year2000
Total Pages482
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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