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श्री
श्रीपति
श्रीपणा
नाम- पद्यात्मक
है।
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श्रीमाल
श्रीवंश
श्रीवर लद्ध
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श्री श्रीमाल
श्रेष्ठि
'ओसवाल जाति नो रास' और 'ओसवाल भोपालों का रासा' में अनेक गोत्रों के नाम
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॥ ओसवाल ज्ञातिनी रासो ॥
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सोह वधौ संसार सीर, इल राखण इखियातः, नखित्र अभीच निमंघियौ निज उजलावण न्याति ।। जहाँ साढीबाहर न्याति सरांहा श्रीमाली वो सवाल सवे । डीडू, बघेरवाल दाखी जै, चित्रावाल पलीवाल चवे ।। खैखाल, नराणा, हरसौरा, जुगती जै ओपम जाणे । अती ओसवाल न्याति उज्जालं, बधौ बड़ि महथ वाखाणे || पीणी पोकरवाल भणो जे, वली मेडतवाला कारमहे । खंडेलवाल लहुवै जस खाटै, सगली विधि ठठवाल सहे ॥ वनात वखणै ओम बेरसल, खरी न्यांति हीरा खांणे । अती ओसवाल न्याति उज्जालं, बघौ बड़ि महथ वाखाणे || आयचणां तातहड भूरा भाखीये, करणांटा बाफणा कहे । चीचड अराभंड कूकड़ा, चावा लहुडीडू कुभटा लहे || सेठीया भिरह मोर सुसंचीती श्री श्रीमाली सुरतांणे । येती ओसवाल न्याति उज्जालं, बघौ वाखाणे || शंका अर लिंगा वैद कहि रूपक सलहां लोढा सूरांणा । नाहर वोथरा चोपड़ा निरमल वण दांनी पारिख घणा ।। सांड सीखा गोलेछा बहु विधि, जगपुर चेरडया जाणे । येती ओसवाल न्याति उज्जालं, बघौ बड़ि महथ वाखाणे || गादहीया चंब चौधरी दूगड विनाइकाया वंभ भणे । दरड़ा प्रामेचा जंबड़ दाखा, भुत सखवाला सुजस सुणे ॥ भंडसाली अधिक छाजहड़ भल्ल पण इल कांकरिया अहिनाणे येती ओसवाल न्याति उज्जालं वघौ बड़ि वाखाणे || वागरैचा वोहरा मीठडिया वलि, छजलांणी डागा छाजै । डाकलिया सांड सांकला डाही, काबेडिया कथावर काजे ॥ लुणिया सीसोदिया, वांगाणी, पूरे वगड़ परियांणे । येती ओसवाल न्याति उज्जालं, वघौ वड़ि महथ वाखाणे || छरेलीया केलांणी भेलडीया छलि, ललवाणी लोकड़ लेखे ।