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INSCRIPTION OF KHĀRAVELA
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चेतियानि च कारापयति [] [-] पटलिक-चतरे च वेड़ रिय-गर्भ थंभे पतिठापयति पनतरिय-सत-सहसेहि [] [वै]ड़ रिय-नील-वोर्किन चेच-यठि-अधसतिकं तिरियं उपादयति [1]
१६। खेमराजा स [,] वध-राजा स [.] ईद-राजा स [] धम-राजा पसंतो सुनंतो अनुभवंतो कलाणानि [-] गुण-विसेस-कुसलो सव-पासंड-पूजको सव-देवायतन-संकार-कारको अपरिहत-चक-वाहन-बलो चकधरी गुत-चको पवत-चको राजिसि-वस-कुल-विनिसितो महाविजयो राजा खारवेल-सिरि (1)
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