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नीतिकल्पतरुः।
183
198
205 208
(93) दैवज्ञलक्षणम् (94) राज्ञीलक्षणम् (95) नारीरागविरागकथनम (96) महाराजलक्षणाभिधम् (97) राज्ञीलक्षणाभिधम्
183 (97A) हस्तिलक्षणशाखा (98) अश्वलक्षणशाखा
188 (99) छत्रलक्षणम्
197 (100) चामरलक्षणम् (101) आसनलक्षणाभिधम्
199 (102) वस्त्रासनलक्षणम्
200 (103) शरलक्षणम्
200 (104) धनुर्लक्षणम्
201 (105) हीरमणिनिरूपणाख्यम्
202 (106) मौक्तिकलक्षणशाखा (107) मरकतलक्षणाभिधम् (108) पद्मरागाख्यशोणमणिलक्षणमूल्यकथनाभिधम्
218 (109) खड्गलक्षणम् (110) सेनानीलक्षणम् (III) पुंस्त्रीलक्षणशाखायां देवपौरुषकालानुस्यूतताभिधास्त बकः (112) सामुद्रिकशाखायां पुरुषलक्षणशाखा
215 (1) सामर्थ्य ( 2 ) रोम ( 3 ) ललाट ( 4 ) शिरो (5) 5 (6) नेत्र (7) ओष्ठ (8) कर्ण (9) नासा ( 10 ) ग्रीवा (II) आस्य (12) मुख (13) दना (14) स्वर ( 15 ) स्कन्ध (16) अंस (17) कपोल ( 18 ) जिह्वा ( 19 ) तालु ( 20 ) स्तन ( 21 ) वक्षस् ( 22 ) कुक्षि ( 23 ) पृष्ट ( 24 ) नाभि ( 25 ) कटि ( 26 ) हस्ताधिकार ( 27 ) लिङ्ग ( 28 ) शुक्र (29) जङ्घा (30) गति and (31) पाद
(2) स्त्रीलक्षणशाखा
(1) पाद (2) जङ्घा (3) जानु ( 4 ) ऊरु (5) कटि (6) नितम्ब (7) स्फिर (8) भग (9) जघन ( 10 ) बस्ति (1) गन्ध (12) पार्श्व (13) हृदय ( 14 ) स्तन (15) जनू ( 16 ) स्कन्ध ( 17 ) कक्ष्या ( 18 ) करपृष्ठनख (19) ग्रीवा (20) चिबुक (21) कपोल ( 22 ) आस्य ( 23 ) अधर ( 24 ) दन्त ( 25 ) जिह्वा (26) तालु ( 27 ) स्मित (28) नासा (29) लोचन (30) 5 (31) ललाट ( 32 ) केश ( 33 ) स्वर and ( 34 ) लाञ्छनावर्त
० सस
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