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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gynam Mandir नि:शेषसिद्धान्तविचार-पर्याये पुरिससहस्सेण सद्धि मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वाए अरहा गं अरिटनेमी इति ‘सोपधित्व जिनानाम् । तेण कालेण तेण समएण भगवी महावीरस्स एकारस वि गणहरा रायगिहे नगरे मासिएण भत्तेग अपाणपण कालगया । जे इमे अजत्ताप समणा निगंथा विहरति सम्वे विणं एत्ता अजसुहम्मस्स आवच्चेजा अवसेता गगहरा निरवचा परिनिया । समणे भयवं महावीरे कासवगात्तण भगवओ महावीरस्स कासवगोत्तस्स अंतेवासी थेरे अजसुहम्मे अग्गिवेसायणे गातेण । थेरस्त अजसुहम्मस्स अतेवासी थेरे अजजंबुनामे कासवगोत्तेणं । अजजनामस्स कासवगात्तस्स अंतेवासी थेरे अजपभवे कच्चायणगाते थे। थेरस्स गं अजपभवस्स अंतेवासी थेरे अजसेज्जंभवे मणगपिया वच्छसगोत्तेणं । थेरस्त अजसेजभवस्स अंतेवासी थेरे अजजसभहे तुंगियायणगोत्तेण । थेरस्सण अजजसभदस्त अंतेवासी दुवे थेरे अजभद्दबाहू पाईणसगोत्त थेरे अजसंभूयविजए माढरसगात्तेण । थेरस्सणं अजसंभूयविजयस्स अंतेवासी थेरे अजथूलभद्दे गायमगोत्ते णं । थेरस्स णं अजथूलभहस्स दुवे थेरे, थेरे अजमहागिरी एलाबबसगाते ण अजसुहस्थी वासिट्ठसगोत्ते ण इत्यावली ।। भगवओ महावीरस्स नव गणा एक्कारस गणहरा होत्था । से केण?ण भंते ! एवं बुच्चइ० जेट्टे इंइभूई गोयमगोत्ते ण पंच समणलयाई वापा, मज्झिमे अगिभूई गायमगाते ण पंव समसयाई वापर । थेरे वाउभूई कणि? पंच समगलयाई वाएइ, प्रयोऽपि सोदरा: इत्यर्थशेषः । थेरे अजवियत्ते भारहार गत्ते ण पंच समणसयाई वापा । थेरे अज हम्मे अगिवेसायणे गाते ण पंच समणसयाई वापर, थेरे मंडियपुने वासिष्टे गोत्ते णं अट्ठाईसमणसयाई वापइ । थेरे मोरियपुत्ते कासवे गोत्ते ण अट्ठाई समणसयाई वाएइ । थेरे अकंपिए गोयमे गोत्तेण थेरे अयलभोया हारियणे गोत्ते णं पए For Private And Personal Use Only
SR No.020506
Book TitleNishesh Siddhant Vichar Paryay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLabhsagar Gani
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year1973
Total Pages181
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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