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* नवतत्त्व *
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(११) योग तीन हैं मनोयोग, वचनयोग और काय
योग । इनमें से किसी में मोक्ष नहीं है।
(१२) वेद तीन हैं-त्रोवेद, पुरुषवेद और नपुंसकवेद । इनमें से किसी वेद में मोक्ष नहीं है ।
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(१३) कषाय चार हैं- क्रोध, मान, माया, और लोभ इनमें में किसी में मोक्ष नहीं हैं ।
कष याने संसार उसका श्रय याने लाभ जिससे होता है उसे कषाय कहते हैं।
(१४) लेश्या छ है - कृष्णलेश्या, नीललेश्या, कापोतलेश्या, तेजोलेश्या, पद्मलेश्या और शुक्ललेश्या इनमें भी किसी में मोक्ष नहीं है । लेश्या याने मनके परिणाम |
Goaपमाणे सिद्धाण, जीवदव्वाणि हुंति ताणि ।
लोगस्स संखिज्जे,
भागे इक्को य सव्वे वि ॥ ४७ ॥
" इस गाथा में द्रव्यप्रमाणद्वार और क्षेत्रद्वारका वर्णन है। " द्रव्य प्रमाणद्वारके विचारसे
सिद्धों के
जीवद्रव्य
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