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बस जीवन के नंदनवन प्रवेश के अवसर पर जब यह प्रकाशन हो रहा है। मन आनंदित हो रहा है। आराधकों को एक ही सूचना है कि बन शके और जाप का आनंद लेना हो तो रोज की ५ माला अवश्य गिनें। समय प्रातः ४ से ६ बजे के बीच का ही पसंद करें। माला ही रखना हो तो श्वेत रंग की रखें। आसन भी श्वेत रखें। पूर्व या उत्तर • दिशा में मुख रखें। केवल मोक्ष का ही लक्ष्य रखें। कोई भी सतगुरू के सतत मार्गदर्शन में रहें तथा नवकार महामंत्र के साहित्य का अवलोकन करते रहना ।
बस अंततः यही शुभेच्छा कि इस जाप को पूर्ण करने वाला दूसरे भव में नरक या पशुगति में नहीं जायेंगे, देव या मानव भव पाकर मोक्ष की साधना में आगे बढ़कर शीघ्र ही आत्मा से परमात्मा बन जायेंगे।
वि. राजयशसूरि के धर्मलाभ
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