SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 97
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kallassagarsun Gyanmandir EKHN ************NEWHWERE महिम मेमानो दृष्टांत ते किम भेसो पाणीपौवा भणी जलने स्थानके जाय तेपाणी पौवाने अर्थे पाणी मांहिप तिहां मस्तके मोंगे करी पगे करी है पाणी डोग्ले वली मूवतो जाब आपनपीवे बने जयने पाणी पौवा न देवे तिम कुत्रोता तथा कुशिष्य व्याख्यान मध्ये विनरलह इंघरुप दोषलो करी , ने तिम करे जिम अापन समझ अने परने पिण समझवानदो तेनु प्रतिपक्षमुशिष्य ते भनी सातसुदृष्टांत कहे छेद मेसेय० छालिनो दृष्टांत ते किम ने दूम जिम काली पाणी पीवाने जाडू तिवां जाईने पाणी पीवता पग रोपीने भाषपणानीतरीयो 2 पाणी पीवे अनेनुथपणिनीतरीबो 2 पाणी पीये पिणपाणी डोकलादू नहि ने सर्व जथपाणी पीवीरने संतोष पामे तिमसुश्रोता मुशिष्य पणिवेठो सांभले सुवरुपीयो पाणी निर्मल पापणापीये बीजासर्थ जथने पाये पणिडोहलपणो धालेनकी भने सुत्रार्थ पीवे ग्रहे संतुष्ट थाइ पुटाई पणु पामे ते पाप मोते सांभले भने राइ सांभलवा * देवे० मसग मसानो दृष्टांत ने किम ते एम जे जिम मसो कधिर पौवे पिण अनेरा कोई किंचित् माव गुणनकर अपुठीखाज करे तिम कुशिष्य कुE श्रोतापिणकाले पकाने गुरुवादिकने संतापीने सूत्र अर्थ ग्रहे धारे चने पके गुरुवादिकने सेवा भक्त प्रमुखभणी सखाई पोनडवे 8 तेहनो प्रतिपक्ष ते * का एकमलो के तेभणी हिवे नमसुदृष्टांत कहे के जलोग० ज लोकनो दृष्टांतने किमते दूम जे जिम जलोकचटको देयी करी पीडाउपजावे पछे निर्षि *कारकपण करेतिम सुयोता सुसिष्यादिक काले कालेसंतापे के गुरुने सखाईयो थार सुधरुपकवार विरालीबिलाडीनो दृष्टांतते किम ते एमजे कोई एक बिलावडांवत ते जिम विलाई छोकासुदुधनां चोने हाडो भांजे पके दुध भूमिकाई नांषे पछे धरती पड़ीओ दुध रणांकरी सहित ते * चाट पचिहाडी भरी मांहि थी पीये नही तिमां अनेरा वातादिकनी समौषे सब पर्थ प्रश्न साभले पणि गुरवादिकने पाये चुत सागरने समीप विनयकरोने सांभले नही अन्यथा पासे योटो खरो सांभ।१० ते एहनो अयोग्य कह्यो तेहनो प्रतिपक्षः हिवे इग्यारमो दृष्टांतकहे के जाग. HKWANEKANNEL WHERIK**NNEKHENNNNN For Private and Personal Use Only
SR No.020495
Book TitleNandi Sutra Tika
Original Sutra AuthorN/A
Author
Publisher
Publication Year
Total Pages512
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy