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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नंदी सू. 而非諾器米諾諾諾諾諾諾諾器张諾带業器器茉器諾米 णुषा सेकिंतखेत्ताणुन्ना खेत्ताणुस्या जम जस्मखेत्तं अणुजाण जत्तियंबा खेत्तं जम्मिवाखेत सेतं खेत्ताणुन्ना सेकिंत कालाणुस्सा कालाणुणा जप जस्सकालं अणुजाण जत्तिअवाकालं अणुजाणइ जम्मिवाकालेश्णजाणइ तंजहा तोतं वापडुप्पणवा अणागयंवा वसंत हेमंतपाउसंवा अवस्थाणहेउ सेतं कालाणुया सेकिंतं भावाणुस्सा भावाणुपातिविहा पं तं लोइया कुष्यावणिया लोगुत्तरिया सेकिंतं लोइया भावाणुस्मा से जहानामए रायाइवा जुवरायाइवा जावरुडे विचारणा जे जेहने प.अनुज्ञा करी आप नजेतला का कालनी भ. अनुचा आप ज. जिणेजकाले अ. अनुज्ञा आपेतं. ते जिम के * तिम कहे के ती. अतीतकाले प० आवतै काल: ब• वसन्त ऋतु पा. पावसकाल: म. जीवनी अवस्था हे हेतु से. ते तं एका. कालनी भनुना ते वि चारणानुस्वरुष कह्यो लो लौकिकना भावनी अ० अनुग्याते विचारणा ते गुरु उत्तर कहे छे से ते यथा दृष्टांत नामे संभावनाडू रा राजा प्रत्यक्ष या अथवा जु० युवराजा ते पाठस्थापी कुमरते पाटवी कुमर: ना यावत् पूर्वनी परि अर्थनाणवो रु० रूस्खे हुये क० कोई एकने को० क्रोधा दिकनेभावे * अ आदेस आपे से ते एलो० लोकिक भाव अ० अनुचा भावना विचारणा से ते यथा दृष्टान्ते ना नाम सम्भावना के केइएक म० अन्यमत ना पाचार्यादिकः जा यावत क० कोइएकने को कोधादिकने भावे अ० आदेस आपे से ते ए कुछ कुप्रावचनीकना भावनी अनुचाते विचारणा * * कही। लोकोत्तर जिनमतिना भावनी अनुन्ना विचारणा ते गुरु उत्तर कहे के से ते दृष्यन्त इति नाम सम्भावना भा० आचार्य ते पूर्वनीपरे * * मुखार्थ पाचार्य जा० यावत का किणहीने कोई कारणे तु सन्तोषाणा हुता का० कालो चित ते ना युतज्ञाननो गुजे गुण जो जोग्यके वि० 諾諾米器架米米米米米米米米米那米米柔器器米 For Private and Personal Use Only
SR No.020495
Book TitleNandi Sutra Tika
Original Sutra AuthorN/A
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Publisher
Publication Year
Total Pages512
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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