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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir * भा० ****** 是紫米米浆紫米諾諾諾諾諾蒂菲菲諾港盖蒂蒂蒂諾: कालांतरे राजाई चिंतव्यो जे तिण ग्रामनो मीठो उदक जे शीतलौ भत कूप के है Avi वेगा मोकलादिव्यो तिवारे लोक चिंतातुर थया तिबारे रोहाने पूछ्यो रोहे कयो हाथमे रमालाकडी लेवो पापसमेखाचौर तोडो पक्के राजाने कहो हे स्वामी कूपल्याव्याछांते नगरनी राती देखीने * भिडकोने पाश तिणे जठो काणे गयुके ते भगी जे ग्रामना पामाना मनुष्य जीवसर्व ते वीरकण होइले भने कूप पणि जड वृषभसरीषा के ते पाण्या # किम जाइते माटेते नगरना ढोरमनुष्य ने पौण धीर्यवंत होइ भनेते नगरना कूपपण्डिाहो होय के भने जातिनेजाति विससे ते भणीउजेणीनाकूप च्यारि मोकली देवो जिम तेहना कोट थी वांधीने मोकलु पणि ग्रामनो जडकूप ते एकलो मोक्ल्यो नना इम लोके कह्यो तिवारे तिहां राजाये पथ्योए के शनीबुड्यछ खामिरोहानीपछे तेराजाजागीरह्यो 8 एमाठमी कथा संपर्थम् वणसंडे नवमी वनखण्डनीकथाते इमजेवलीकालांतरे राजायेचिं तव्योजे ग्राम थी पूर्वदिसिं वनप्रवके ते पश्चिम दिशिकरो तिबारे लोकसांभखीने चिंतातुर थया तिवारे रोहाने कह्यो हे रोहा बुद्ध उपनावातिणेते रोहे दूम कह्यो एव न थकी पदिसि ग्रामवसावो तिणे रम करीवन के ते पश्चिम दिशी आण्यो पके राजा प्रति कह्यो तिबारे राजा बोल्यो ए केहनी वुद्ध के स्वामि एरोहानी बुध सुथयो तिवारे राजा अगवाल्यो रह्यो एन वमी कथा संपूर्ण 2 पायस० दसमी वीरनी कथा ते इमजे वली कालांतरे राजाये चिंतव्यो जे अग्निविनाखीर रांधी ने मोकल ज्यो ते ग्रामना लोका सांभल्यो तिबारे चिंतातुर थया के लोके रोने पख्योरो हेच दीधी जे * दुधले चाबलगाढा भिजावज्योपले जिम कह्यो तिमज कीधो पके चावलगाढा भौजव्या पछे थे सुने मध्ये मुकन्या ते सुर्यना ताप थी तथा भांडनी * घेसुना ताप यी चाउल सीमा पर थाली मध्ये घालीने राजाने आयी पापि तिवारे राजाये पथ्यो ए केहनी वुय थी नौपनी स्वामी ए रोहानी बाके ते पूर्वली वारता सर्व कहीए 10 दसमी कथा संपूर्ण पदया. भांबानी कथा ते दूम जे तिबारे रामारोहानी निर्मली तीब बुद्ध चतुराए जाणीने ते AKINEXX******** For Private and Personal Use Only
SR No.020495
Book TitleNandi Sutra Tika
Original Sutra AuthorN/A
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Publisher
Publication Year
Total Pages512
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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