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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ऐंग्लंडीयमतानुसारनाडीपरीक्षा Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सकृदङ्गुलिसंस्पर्शादन्तर्धानन्तु गच्छति । इन्टरमिटेंटा भिया साऽसृक्कफाशयदूषिणी ॥ ५ ॥ अर्थ- जो नाडी एकवार उँगलियोंका स्पर्शकर छिपजावे, वह रुधिर और कफाशयको दूषितकर्त्ता हृदयसंबंधी व्याधिको उत्पन्नकरे इसको इंग्लंडी यवैद्य Intermittent इन्टरमिटेंट कहते है ॥ ५ ॥ यदा रक्तेन पूर्णत्वमापन्ना नाडीका भवेत् । ( ५९ ) तदा फुल शब्द विख्याताथवा लार्जेति विश्रुता ॥ ६ ॥ अर्थ - जिस समय नाडी रुधिरसें परिपूर्ण होती है उसको डाक्टरलोग फुल या Full Large लार्ज ऐसा कहते है ॥ ६ ॥ यस्यां हृत्कमलोच्छ्वासाद्रक्तमल्पं वहेत्तु सा । रिक्तानाडी स्माल संज्ञा समाख्याताभाषया ॥ ७ ॥ अर्थ - जिस समय हृदय रुधिर अल्पप्रगटहोय उस रिक्तनाडीको पाश्चिमात्यवैद्य - Egual इस्माल ऐसा कहते है || ७ || या वै गुणवदातन्वी नाडी क्षीणत्वशंसिनी । रक्तातां द्योतयन्ती सा थ्रेडीपल्ससंज्ञिता ॥ ८ ॥ अर्थ- जो नाडी डोरेके माफिक बहुतवारिक प्रतीत होय वह क्षीणता और रक्तकी अल्पताको प्रकाश करने वालीको Thready pulse थ्रेडीपल्स कहते है ॥ ८ ॥ अङ्गुलीभिर्यदा नाडी पीडितापि न नम्रताम् । व्रजेत्तदातिरुक्षत्वद्योतिनीहाडेशब्दिता ॥ ९ ॥ अर्थ - जो नाडी उँगलियोंके पीडनसेंभी अर्थात दाबने सैंभी नम्र न होवे वो रूक्ष ताकी द्योतनकरता नाडीको डाक्टरजन Hard हार्ड ऐसा कहते है ॥ ९ ॥ अङ्गुलीभिर्यदा नाडी पीडिता नम्रतां व्रजेत् । सार्द्धत्वद्योतिनी मृदी साफ्ट शब्देन शब्दिता ॥ १० ॥ अर्थ-जो नाडी उंगलियोंके दबानेसें दबजावे उस मृदुनाडीको साफ्ट ऐसा कहते है यह आर्द्रत्वको द्योतन करती है ॥ १० ॥ प्रतिस्पन्दं शीघ्रतायां संख्या यस्या न वर्द्धते । सकृच्छ्रेध्यधरा तूर्णंगा नाडी की शब्दिता ॥ ११ ॥ For Private and Personal Use Only
SR No.020491
Book TitleNadi Darpan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Dattaram Mathur
PublisherGangavishnu Krushnadas
Publication Year1867
Total Pages108
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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